छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ गये थे भूपेश बघेल

छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ गये थे भूपेश बघेल

भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री व एक भारतीय राजनीतिज्ञ भी हैं। वह छत्तीसगढ़ की 5वीं विधानसभा में राज्य के तीसरे मुख्य्मंत्री हैं। उन्होंने बीजेपी की पंद्रह साल रही सरकार को हराकर व कांग्रेस को सत्ता में लाकर मुख्य्मंत्री बने है। बघेल को शुरुवात से ही सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि रही है जिसकी वजह से वह अपने छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ गये थे। स्‍नातक की पढ़ाई करते हुए समय उन्‍होंने कई सारे राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अभियानों में आगे बढ़ कर हिस्‍सा लिया। 
बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन का सफर 80 के दशक में यूथ कांग्रेस के साथ राजनीति पारी से शुरू किया था। वह 1990 से 1994 तक वह जिला युवक कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे चुके हैं, इसके अलावा वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कार्यक्रम समन्वयक भी रह चुके हैं। बघेल 1993 में पहली बार पाटन से मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए, और बाद में इसी सीट से और पांच बार चुने गए। कांग्रेस पार्टी ने उनको 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड का निदेशक बना दिया था। जब अलग राज्य छत्तीसगढ़ बना तो उन्होंने अपने क्षेत्र पाटन सीट से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंच गए, इस बीच बघेल कैबिनेट मंत्री बन गए।
उन्हें दिसंबर 1998 में दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री से संबंधित, लोक शिकायत निवारण (स्वतंत्र प्रभार), एमपी शासन के रूप में नियुक्त किया गया व दिसंबर 1999 में उनको परिवहन मंत्री बनाया गया ।जब छत्तीसगढ़ बना तब वह  विधान सभा के सदस्य बने, व सीजी शासन के अंतर्गत मंत्री, राजस्व पुनर्वास, राहत कार्य, जन स्वास्थ्य यांत्रिकी के रूप में नियुक्त किए गए थे। उन्होंने 2003 के राज्य चुनाव को उसी सीट से लड़ा और विधायक बने। लेकिन 2008 के चुनाव में पाटन विधानसभा सीट हार गए, इसके बाद वह 2009 में रायपुर से संसदीय चुनाव भी हार गए थे । लेकिन उनका हौंसला डगमगाया नहीं और वह लोगों व पार्टी के लिए काम करते चले, जिसके चलते उन्होंने 2013 के चुनाव में फिर से पाटन विधानसभा सीट जीती, और कार्य समिति, छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने गए थे। 
2003 के 15 साल बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में वापसी की थी। उन्होंने बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को 68 सीटों पर जीत दिलाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई थी। बघेल अक्टूबर 2014 से जून 2019 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी थे । छत्तीसगढ़ के शीर्ष कांग्रेस नेताओं जैसे महेंद्र कर्मा , विद्या चरण शुक्ला , नंद कुमार पटेल और 28 अन्य के 2013 के नक्सल हमले में मारे जाने के बाद, प्रदेश भर के पार्टी नेताओं में डर बैठ गया था, जिसको बघेल ने मात देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा प्रदान कर कांग्रेस को वहां फिर से  पुनर्जीवित कर दिया। 
उनकी अध्यक्षता में रहते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने 2018 विधानसभा चुनाव  भारी बहुमत से जीता । बघेल 15 साल तक छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने दोबारा से पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने और भाजपा के रमन सिंह को हराकर छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री बने ।
भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले के पाटन में हुआ था। वह कुर्मी क्षत्रिय परिवार से हैं। बघेल के पिता का नाम नंद कुमार बघेल और माता का नाम बिंदेश्वरी बघेल है। उनके पिता व्यवसाय से कृषि है। उनकी पत्नी का नाम मुक्तेश्वरी बघेल है व उनके एक बेटा और तीन बेटियां हैं। 
बघेल ने राज्य व समाज को बेहतर बनाने के लिए कई सारे सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की पहल की है। शादियों में होने वाले पैसे की बर्बादी को रोकने का उनका अभियान सबसे सफल अभियान रहा है। वह कम से कम बजट में शादियां करवाते हैं और लगभग हर वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन भी करवाते हैं। उनके सामाजिक कार्यों के लिए बघेल को 'महात्मा फूले समता पुरस्कार' से सम्मानित भी किया जा चुका है।
बघेल ने एक किसान से परिवार हैं इसलिए उनका किसानों की तरफ काफी रुझान देखा गया है। एक बार चुनाव प्रचार के दौरान वह खेतों में काम किसानों से बात करते-करते वह उनके साथ धान की मिजाई भी करने लग गए थे। उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए कल्याणकारी योजना, राजीव गांधी किसान योजना, गोधन न्याय योजना चलाई हैं।