संघर्ष से सफलता की यथार्थ प्रतिमूर्ति हैं डॉ वीरेंद्र कुमार

संघर्ष से सफलता की यथार्थ प्रतिमूर्ति हैं डॉ वीरेंद्र कुमार

जब कभी भी कड़ा संघर्ष कर राजनीति में ऊंचा  मुकाम हासिल करने वाले नेताओं की बात होगी तो उसमें केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार का नाम जरूर लिया जाएगा। डॉ वीरेंद्र कुमार का बचपन पिता की साइकिल की दूकान पर पंचर बनाते हुए बीता। जब बड़े हुए तो अपना जीवन सामजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया। सांसद होने के बावजूद खुद को सादगी में रखना इनकी विशेष पहचान है। वर्तमान में डॉ वीरेंद्र कुमार मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री का  कार्यभार संभाल रहें हैं। अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद खुद की दम पर पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की है। अपने छात्र जीवन से ही वीरेंद्र कुमार आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे। उन्नत कार्य को देखते हुए बाद में इन्हें सागर जिला का भारतीय जनता युवा मोर्चा का महासचिव बना दिया गया। इसके बाद में वीरेंद्र कुमार सीधे राजीनीति में सलग्न हो गए। 1996 में वीरेंद्र कुमार ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा तथा विजयी हुए। 
वीरेंद्र कुमार का जन्म 27 फरवरी 1954 में मध्य प्रदेश के सागर जिले में हुआ था। सागर से ही उन्होंने 1998, 1999 और 2004 में चुनाव लड़ा तथा जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने टीकमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा तथा 2009, 2014 तथा 2019 में वहां से भी जीत हासिल की। वीरेंद्र सिंह सागर लोकसभा सीट से 4 बार तथा टीकमगढ़ लोकसभा सीट से 3 बार चुनाव जीतें हैं। वर्तमान में वे टीकमगढ़ सीट से लोकसभा सदस्य हैं। 
डॉ. वीरेंद्र कुमार को 2017 में पहली बार केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था। डॉ. वीरेंद्र कुमार अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। वे आज भी अपने बजाज सुपर स्कूटर की सवारी करना पसंद करते हैं। साइकिल रिपेयरिंग करने वाले तथा मजदूर लोगों के साथ बैठने में वे जरा भी संकोच नहीं करते हैं। आज भी उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्कूटर पर सवारी करते देखा जा सकता है। 
17 जून 2019 को वीरेंद्र सिंह ने प्रोटेम स्पीकर (अस्थाई अध्यक्ष) के रूप में कार्य किया। उन्होंने कहा की मंत्री होने बावजूद वे रेलवे स्टेशन से अपने घर तक प्रायः ऑटो रिक्शा से ही जाय करते हैं। आपातकाल के दौरान वीरेंद्र सिंह 16 माह तक जेल में रहें तथा उन्होंने लोक नायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति  आंदोलन में भी हिस्सा लिया था।