शिक्षा को सशक्त समाज की बुनियाद मानती है डॉ हेमलता एस मोहन

शिक्षा को सशक्त समाज की बुनियाद मानती है डॉ हेमलता एस मोहन

शिक्षा को सशक्त समाज की बुनियाद मानती है डॉ हेमलता एस मोहन

सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय  की भावना से ओत-प्रोत डॉ हेमलता एस मोहन वर्तमान में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) की अध्यक्ष हैं। डॉ हेमलता ने शिक्षा , संस्कृति ,शिक्षा-संस्कृति प्रशिक्षण , महिला सशक्तिकरण और समाज सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया हुआ है । उन्होंने बोकारो जैसी जगह को स्कूली शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करने में सर्वोत्तम योगदान दिया है । हेमलता स्टील सिटी बोकारो की स्टील वुमेन के तौर पर भी जानी जाती हैं।  शिक्षा को संस्कृति के साथ जोड़ने के लिए उन्होंने अनथक प्रयत्न किया जिसमें ''जॉय ऑव गिविंग '' की उनकी संकल्पना शामिल रही है। वे शास्त्रीय संगीत में  सीनियर डिप्लोमा प्राप्त हैं। उनके  लिखे  गीत '' होगा कल सुनहरा ",  ' बढ़ता जा तू ' बच्चों में काफी लोकप्रिय है । डॉ हेमलता एस मोहन का जन्म उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन में हुआ। इन्होने बनारस विश्वविद्यालय से बीएससी,एलएलबी एवं काशी विद्यापीठ से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है। 38 वर्षों तक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी रही डॉ हेमलता को राष्ट्रपति के हाथों उत्कृष्ट शिक्षक के अलावा शिक्षण एवं समाज में सराहनीय कार्यों के लिये कई संस्थानों के द्वारा सम्मान प्रदान किया गया है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग किये हैं जिसमें संस्कृति को शिक्षा से जोड़ना प्रमुख रहा है। राजनीति को वे सामाजिक बदलाव का प्रभावी माध्यम मानती हैं। राज्य महिला आयोग की प्रमुख के तौर पर डॉ हेमलता एस मोहन ने वर्ष 2010-2013 के दौरान बखूबी अपने दायित्व का निर्वाहन किया।  वे झालसा की सदस्य भी रही हैं । अभी बतौर सीसीआरटी, नई दिल्ली की अध्यक्ष वे संस्कृति को शिक्षा के माध्यम से हर विद्यालय तक पहुँचाने के लिए प्रयत्नशील हैं । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वह हर राज्य में एक सीसीआरटी केंद्र खोलने के लिए प्रयत्नशील हैं । 

फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 25 सशक्त महिलाएं 2020 की सूची में डॉ हेमलता एस मोहन प्रमुख स्थान पर है ।