एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस अफसर अमिताभ यश - जिनका सिर्फ नाम ही काफी है

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस अफसर अमिताभ यश - जिनका सिर्फ नाम ही काफी है

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस अफसर अमिताभ यश - जिनका सिर्फ नाम ही काफी है

जब कभी भी बात आती हैं भारतीय पुलिस सेवा की तो ज़हन में एक सख्त छवि उभर कर आती हैं जो अपराधियों के लिए काल से काम ना हो और आमजन के लिए कोई देवदूत। ऐसे ही एक आईपीएस ऑफिसर हैं अमिताभ यश, जिनका  कार्यशैली  उन्हें बाकी सब से अलग बनाता है। जो भी आरोपी अमिताभ से टकराया  उसके लिए परिणाम जहन्नुम या जेल ही रहा है।

अमिताभ यश, एडीजीपी एसटीएफ यूपी कैडर के एक अधिकारी हैं। वे उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में सेवा करते हुए अपनी कौशल और निष्ठां  से अपने  कर्तव्य का निर्वहन करते हैं। सुपरकाप अमिताभ यश स्पेशल टास्क फोर्स यानि एसटीएफ  प्रमुख रहकर, खूंखार अपराधियों की बागडोर संभाले हुए हैं । मीडिया रिपोर्ट्स में आए दिन उनकी बहादुरी के किस्से बने रहते है। अमिताभ यश एक ऐसे आईपीएस अधिकारी हैं जो किसी ऑपरेशन को हाथ में लेने के बाद बेहद गोपनीय रणनीति के तहत ऑपरेशन को अंजाम देते है। यूपी में मालिया, अपराधियों , गुंडों और बदमाशों का व्वोरा रखने वाले त्रिनेत्र  एप' के जरिये अब इनकी नज़र और भी बारीक व तेज हो गई है।

इनके काम करने का तरीका  कुछ ऐसा हैं की इनका नाम सुनकर अपराधियों की रूह काँप उठती है। कानपुर के कुख्यात अपराधी विकाश दुबे के एनकाउंटर के पूरे ऑपरेशन को खुद अमिताभ यश ने ही हैंडिल किया था। कभी तेज-तरार पुलिस कप्तान के रूप में पहचान बनाने 
वाले अमिताभ यश लम्बे वक्त तक ऐसे सम्बेदंशील इलाके में तैनात रहे हैं, जिन्हे डकैतोों के गढ़ के रूप में जाना जाता था। इसके आलावा  ददुआ गैंग, निर्भय गुर्जर गैंग, ठोक्यो  समेत 150 से ज्यादा अपराधियों को उन्होने अपनी गोली  से मार गिराया हैं।  यही नही बल्कि इनका खौफ ऐसा है की अपराधी इनके डर से जेल से बहार आने से घबराते हैं ।  कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाली तमाम बडी घटनावो के गुनहगारो को उनके अंजाम तक पहुंचाने और लॉ एंड आर्डर  को बनाए रखने में यूपी  के एडीजी अलमताभ यश की अहम भूमिका रही है। 
अपराधियों के पसीने छुड़ाने वाले अमिताभ  यश के पिता राम यश भी पुलिस डिपार्टमेंट में ही अपनी सेवाए दी हैं। इनका जन्म विहार  के भोजपुर जिला में हुआ था। इनकी पढ़ाई पटना से हुई और ग्रेजुएशन दिल्ली के सेंत स्टीफेंस । IIT कानपुर से कमेस्ट्री में मास्टर्स करने के बाद इन्होने अपना लक्ष्य आईपीएस सर्विस को बनाया और लिर 1996 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी  बने। 

उनके देश के लिए जोखिम उठाने के लिए प्रयत्नशील मेहनत ने उन्हें अधिकारी के रूप में स्थापित किया है। अमिताभ यश के लिए उनकी नैतिक मूल्यों और व्यक्तिगत संवेदनशीलता उनकी पहचान है। उन्होंने कई अवसरों पर अपनी बुनियादी मूल्यों से लोगों का दिल जीता है।
उन्होंने अपने अनुभवों के माध्यम से उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में अपने समृद्ध अनुभवों का उपयोग किया है। अमिताभ यश अपने कार्यकाल के दौरान अनेक अवार्ड से सम्मानित हुए हैं। उन्होंने अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्य सरकार के द्वारा सम्मानित किया गया है। अमिताभ यश के जैसे उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा के अधिकारी हमारे समाज के लिए एक बड़ा आशीर्वाद हैं। उनकी निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी से हमेशा समाज के हित में कार्य करते रहने का संदेश हमें मिलता है। इस तरह के अधिकारी हमारे देश का गर्व हैं और उन्हें समाज का आभार हमेशा मिलता रहता है ।