18 वर्षों बाद वह इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट समुदाय के नेता हैं खट्टर

18 वर्षों बाद वह इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट समुदाय के नेता हैं खट्टर

मनोहर लाल खट्टर भारतीय राजनीतिज्ञ और हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 26 अक्टूबर 2014 को हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। वह हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो गैर जाट समुदाय के हैं, 18 वर्षों बाद वह इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट समुदाय के नेता हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रुप में काम कर चुके हैं। वह हरियाणा विधान सभा में करनाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। साल 2014 में होने वाले हरियाणा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय के पश्चात् विधायक दल द्वारा उन्हें नेता चुना गया तथा मुख्यमंत्री पद हेतु नामित किया गया। वह इस चुनाव में भाजपा की जीत के मुख्य आर्किटेक्टों में से एक हैं। हालांकि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव से पूर्व अभिमन्यु सिंह सिंधु को मुख्यमंत्री  पद के लिए विकल्प के रूप में चुना था, लेकिन बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक मनोहर लाल खट्टर को इस पद के लिए चुना गया। 
राजनितिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा को गैर जाट समुदाय से किसी को सीएम पद पर बैठाना था इसलिए खट्टर को इस पद का कार्यभार दिया गया। चुनाव परिणाम के अनुसार हरियाणा में भाजपा की जीत के सबसे बड़े हिस्सेदार गैर जाट समुदाय था। सूत्रों के अनुसार आरएसएस ने सीएम पद के लिए खट्टर को चुना था जिसकी जड़ें भाजपा में काफी मजबूती से फैली हुई हैं। 
खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 में रोहतक के निदाना गांव में हुआ था। उनके पिता हरबंस लाल खट्टर पेशे से एक दुकानदार थे। उनका परिवार 1947 के भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकार रोहतक जिले के निदाना गाँव में आकर बस गया था। वह शुरूवात से ही स्कूल की सभी गतिविधियों में आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। वह एक डॉक्टर बनाना चाहते थे, इसी शौक के चलते खट्टर अपने परिवार में 10वीं पास करने वाले पहले सदस्य बन गए थे। उन्होंने रोहतक के पंडित नेकी राम शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज से हाई स्कूल की पढाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सदर बाज़ार में दुकानदारी करना शुरु कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन भी किया।
खट्टर साल 1977 में 24 साल की उम्र में आरएसएस में शामिल हो गए थे और वहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूवात हुई। वह साल 1980 में पूरी तरह से आरएसएस के  प्रचारक बन गए थे। उन्होंने लगातार 14 सालों तक प्रचारक के रूप में काम किया और साल 1994 में भाजपा में प्रवेश किया। 2000-2014 में, खट्टर हरियाणा में भाजपा के संगठनात्मक महासचिव के रूप में काम कर चुके थे। वह 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा की हरियाणा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे। इसके बाद, उनको भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति का सदस्य बना दिया गया।
खट्टर को 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में करनाल निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था। करनाल में पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया, जिसमें पार्टी नेतृत्व को उनके बजाय एक स्थानीय उम्मीदवार को मैदान में उतारने के लिए कहा गया, क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार और दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन पर करनाल के मूल निवासी नहीं बल्कि "बाहरी" होने का आरोप लगाया था। लेकिन मोदी लहर ने खट्टर को भारी मतों से चुनाव जीतने में मदद की। भाजपा ने हरियाणा चुनाव में पहली बार बहुमत हासिल किया था, और खट्टर ने अपना पहला चुनाव 63,736 मतों के अंतर से जीता। पार्टी की एक बैठक में, हरियाणा मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम का प्रस्ताव हरियाणा भाजपा अध्यक्ष राम बिलास शर्मा ने दिया था, जिसका समर्थन हरियाणा के अन्य मजबूत मुख्यमंत्री दावेदार राव इंद्रजीत सिंह ने किया और कई विधायकों ने भी इनका समर्थन किया । 26 अक्टूबर 2014 को अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद वह हरियाणा के भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 27 अक्टूबर 2019 को उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने की शपथ ली।
खट्टर ने हरियाणा के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक महिला पुलिस स्टेशन और लगभग 500 महिला कांस्टेबलों की भर्ती होने की घोषणा की। उन्होंने हरसमय नामक एक 24×7 पोर्टल भी शुरू किया जिसके माध्यम से कोई भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए पुलिस कांस्टेबलों को योग प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस भर्ती पारदर्शी भर्ती नीति (टीआरपी) के आधार पर की जाएगी और पुलिस कर्मियों के लिए अगले तीन साल में 550 करोड़ रुपये की लागत से 3,060 नए आवास बनवाए जायेंगे। 
खट्टर ने सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली सहित कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से ई-सेवाएं शुरू की, जिसके माध्यम से सभी अधिकारियों की उपस्थिति ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा खट्टर की सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए। उनके सत्ता संभालने के बाद से हरियाणा में बाल लिंग अनुपात में भी काफी सुधार हुआ है। अब यह प्रति 1,000 लड़कों पर 889 लड़कियां हैं। खट्टर ने एक सार्वजनिक बयान में कहा, "इनकी सरकार (बाल लिंग अनुपात) 900 से ऊपर ले जाने का हर संभव प्रयास कर रही है।"