गोल्डन गर्ल निखत जरीन पर है हिंदुस्तान को नाज

गोल्डन गर्ल निखत जरीन पर है हिंदुस्तान को नाज

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में निखत जरीन ने भारत को  बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल दिलाया । उन्होंने विमेन्स लाइट फ्लाई कैटेगरी के फाइनल में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनाउल को 5-0 से हराया। दिलचस्प बात यह है कि निखत  पहली बार देश के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीती हैं और हिंदुस्तान का परचम लहराया ।

निखत जरीन का जन्म 14 जून 1996 को, तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ । निखत एक साधारण मुस्लिम परिवार से संबंध रखती हैं। निखत के पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद है, जोकि खाड़ी देशों में, एक सेल्स पर्सन  का काम करते थे । उन्होंने निखत के कैरियर को संवारने के लिए  अपनी नौकरी छोड़ी और वतन वापस लौट आए । निखत के  पिता पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर भी रह चुके हैं। इनकी माता का नाम परवीन सुलताना है। निखत की चार बहनें हैं। जिसमे बड़ी बहन अंजुम मीनाजी और उनसे छोटी बहन अफनान जरीन है। ये दोनों डॉक्टर है। जबकि छोटी बहन बैडमिंटन खेलती है। 

एक समय निखत जरीन पर, हिजाब पहनने के लिए दवाब डाला गया था। उनसे कहा गया कि मुस्लिम लड़कियां शॉर्ट्स नहीं पहन सकती। वह मर्दों के साथ, बॉक्सिंग की प्रैक्टिस भी नहीं कर सकती। लेकिन दृढ़ इचछा शक्ति रखने वाली  निखत इस कट्टरवादी विचारधारा से लड़ती रही। वही आज पूरी दुनिया ने, उन्हें सिर आंखों पर बैठा लिया हैं और उनकी कामयाबी पर पूरे हिंदुस्तान को गर्व है।

नन्ही  निखत ने अपनी जिंदगी का पहला मैच निजामाबाद में ही लड़ा। वह भी बहुत कम उम्र में। उनका यह मैच था, समाज के खिलाफ। कट्टरवाद के खिलाफ। जिन्हें आज भी लगता है कि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब में ही रहना चाहिए। लेकिन इस रूढ़िवादी सोच का निखत के परिवार पर कोई असर नहीं पड़ा। इन तमाम विरोध के बावजूद, उनके पिता ने निखत की हिम्मत टूटने नहीं दी। 

निखत के कोच आरबी राव भी रह चुके हैं। जो स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोच हैं। इन्होंने निखत की स्किल को और भी अधिक निखारने में उनकी मदद की। निखत 13 साल की उम्र में ही, बॉक्सिंग रिंग में उतर गई थी। उन्हें पहली सफलता 2010 में मिली। जब उन्होंने  नेशनल सब जूनियर मीट में, अपना शानदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही 15 साल की उम्र में निखत ने तुर्की में 2011 महिला जूनियर यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फ्लाई वेट में, स्वर्ण पदक जीता था।

निखत जरीन ने इस्तांबुल में महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत ली। निखत ने फाइनल राउंड में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को हराकर, गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। निखत ने ये गोल्ड मेडल 52 किलोग्राम कैटेगरी में जीता है। निखत अपने नाम के अनुरुप भारत के साथ दुनिया में सुगंध फैला रही है ।  हिंदुस्तान को अपनी बिटिया पर नाज है । भारत के अमृत महोत्सव साल में उन्होंंने देश के लिए गोल्ड मेडल जीत कर भारत का मान और बढ़ा दिया है । निखत जरीन पर भारत को नाज है।