स्मृति ईरानी का अभिनेत्री से राजनेता बनने का सफल सफर

स्मृति ईरानी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठित महिला नेता हैं व पूर्व में टेलीविजन अभिनेत्री रह चुकी हैं। टीवी जगत में आने से पहले वह 1998 में ‘फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता’ के फ़ाइनल में पहुंच गई थीं। भारत सरकार के अंतर्गत वे 17वीं लोकसभा में महिला और बाल विकास एवं कपड़ा मंत्री के पद पर प्रतिष्ठित हैं। इससे पद के पहले वह ‘मानव संसाधन विकास मंत्री’ के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं। उनका नाम उन नेताओं में शामिल है, जो कि बिना किसी के डर से अपनी बात मीडिया के सामने रखते हैं।
स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1977 को एक मध्यमवर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम अजय कुमार मल्होत्रा है और वह एक पंजाबी परिवार से हैं तो वहीं इनकी मां शिबानी एक बंगाली परिवार से आती हैं। स्मृति की तीन बहनें हैं और वह उनमें से सबसे बड़ी हैं। उनका बचपन मुश्किलों भरा था। उनके पंजाबी पिता एक कूरियर कंपनी चलाते थे और मां दिल्ली के एक पांच सितारा होटल ताज मानसिंह में एक हाउसकीपर के रूप में काम करती थीं।
उनकी शुरुवाती स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से हुई थी। वह 12वीं पास है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में बी.कॉम में दाखिला लिया और था, लेकिन एक साल के बाद बीच में ही उन्होंने कोर्स छोड़ दिया था। स्मृति ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए साल 1990 में दिल्ली शहर छोड़ कर मुंबई का रास्ता चुन लिया था। मुंबई में उन्होंने वर्ष 1998 में फेमिना मिस इंडिया सुंदरता प्रतियोगिता में भाग था, लेकिन वो इस प्रतियोगिता को जीत नहीं पाई, मगर उन्होंने शीर्ष फाइनलिस्ट में अपनी जगह बना ली थी। वह इस प्रतियोगिता में, लिमरैना डिसूजा विजेता बनी थीं।। इसके पहले उन्होंने मुम्बई में रहते हुए जेट एयरवेज में एक एयर-होस्टेस के पद के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने मुंबई के बांद्रा में मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस के रूप में काम किया। उन्होंने बिना हिम्मत हारे अपने करियर के लिए बहुत संघर्ष किया।
वह साल 1998 में पंजाबी सिंगर मीका सिंह के साथ “सावन में लग गई आग” एल्बम के एक गाने में दिखाई दीं थी लेकिन उनको पहचान एकता कपूर के सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी से मिली। इस सीरियल में उन्होंने तुलसी विरानी की भूमिका निभाई थीं, जिससे वह घर - घर में प्रचलित हो गईं। यह सीरियल आठ साल तक चला था और स्मृति भारत की सबसे चहेती बहू बन गईं। लेकिन स्मृति ने इस सीरियल का एक भी एपिसोड कभी नहीं देखा। उनको पहली बार टीवी निर्माता शोभा कपूर ने देखा था, जब वह बेकमेन के ऊह ला ला नामक शो के निर्माता के साथ काम कर रही थीं।
उन्होंने बतौर अभिनेत्री साल 2000 में “आतिश” और “हम हैं कल आज और कल” शो के साथ शुरुआत की थी। दोनों सीरियल स्टार प्लस पर प्रसारित हुए थे। अपने टीवी करियर के कार्यकाल में उन्होंने कई मॉडलिंग असाइनमेंट भी किए थे। साल 2007 में, उन्होंने सोनी टीवी के धारावाहिक “विरुद्ध” के साथ एक टीवी निर्माता के रूप में अपनी शुरुआत की थी।
साल 2007 में उनके और एकता कपूर के साथ मतभेद विकसित हो गए थे जिसकी वजह से उन्होंने शो छोड़ दिया था, लेकीन 2008 में, उन्होंने एक विशेष एपिसोड में वापसी की थी।इसके अलावा उन्होंने 2008 में 9x par आधारित टीवी शो “ये है जलवा” की मेजबानी की, जो एक डांस रियलिटी शो था। वह 2001 में ज़ी टीवी के रामायण में सीता की पौराणिक भूमिका भी निभा चुकी हैं। स्मृति की फिल्मी करियर की शुरुवात 2010 में हिंदी फिल्म “मलिक एक” से शुरुआत की थी। 2011 में, उन्होंने फिल्म “जय बोलो तेलंगाना” से तेलुगु में शुरुआत की, और 2012 में फिल्म “अमृता” से बंगाली फिल्म की शुरुआत की। उन्होंने विभिन्न थिएटर प्रोजेक्ट किए हैं; उनका पहला हिंदी नाटक था, “कुछ तुम कहो कुछ हम कहां।” और इसके बाद उन्होंने अपना पहला गुजराती नाटक “Maniben.com” किया था। इसके अलावा “जय बोलो तेलंगाना” नामक एक तेलुगु नाटक भी कर चुकी हैं।
बता दें कि साल 2003 में जब उनका सिरियल “क्योंकि सास भी कभी बहू थी" चरम ख्याति पर था, तब वह भाजपा में शामिल हो गईं थीं।साल 2004 में उन्होंने दिल्ली के चंडी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार कपिल सिब्बल से हार गईं थीं । उसी वर्ष में भाजपा ने उनको महाराष्ट्र युवा शाखा की अध्यक्ष बना दिया था। साल 2009 में वह भाजपा की केंद्रीय समिति के कार्यकारी सदस्य के रूप में भी नामित किया और उसी साल उन्हें नई दिल्ली में विजय गोयल की उम्मीदवारी के लिए प्रचार किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गईं थीं, लेकिन इसी साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको 26 मई को अपने कैबिनेट में मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में नियुक्त कर दिया, जिससे वह उस समय की सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थीं। उनको हमेशा रैलियों और प्रचार के लिए जरूर बुलाया जाता है क्योंकि वह हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी और बंगाली में धाराप्रवाह है। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने अभियान के दौरान, जिसमें वह राहुल गांधी को हराने के लिए आगे बढ़ीं, उन्होंने अमेठी के एक गाँव में लगी आग को बुझाने में फायर फाइटर अवतार लेकर किसानों की मदद की, जिसका असर मतदान में देखने को मिला, स्मृति 55 हजार से अधिक वोट से जीती थीं।
स्मृति विभिन्न गैर सरकारी संगठनों जैसे कैंसर मरीज सहायता संघ व वात्सल्य स्ट्रीट किड्स फाउंडेशन से जुड़ी हुई है। वह मॉन्टे कार्लो टेलीविज़न फेस्टिवल में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली भारतीय हैं। उनको 3 साल तक डब्ल्यूएचओ-ओआरएस कार्यक्रम के लिए यूएसएआईडी द्वारा भारत में गुडविल एंबेसडर नियुक्त किया गया था। साल 2007 में उन्होंने 'पीपल्स फॉर चेंज' नामक अपने स्वयं के एनजीओ की स्थापना की थी। इनकी इस संस्था ने नासिक में स्पोर्ट्स छात्रवृत्तियां प्रदान की, ग्रामीण भारत में पेयजल परियोजनाएं शुरू की, महाराष्ट्र में 35 से ज्यादा गांवों को बोरवेल सुविधाएं मुहैया कराई, और साल 2007 में मुंबई बाढ़ के दौरान 92.5 एफएम रेडियो स्टेशन के साथ मिलकर 10 टन राहत सामग्री एकत्रित और वितरित की थी। यह संस्था आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है, और इसके अलावा महिलाओं के लिए 'महिला और धन' नामक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम भी आयोजित करता है।
स्मृति को अपने राजनीतिक कार्यकाल में कई विवादों का भी सामना करना है। साल 2014 में उनको अपनी शैक्षणिक योग्यता के कारण विवादों में रहना पड़ा था। हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में भी उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने ईरानी की कड़ी आलोचना की, जब उन्होंने मानव संसाधन मंत्री के कार्यकाल के दौरान दो उपाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया था। अक्टूबर 2014 में उनको केन्द्रीय विद्यालयों में संस्कृत भाषा की जगह जर्मन भाषा को बदलने के लिए भी कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
स्मृति ने साल 2001 में अपने बचपन के एक पारसी दोस्त जुबिन ईरानी से शादी कर ली थी। जुबिन ईरानी एक व्यापारी हैं और स्मृति के साथ उनकी यह दूसरी शादी है। इस शादी से इन दोनों के दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की, लड़के का नाम जोहर है जबकि लड़की का नाम ज़ोईश है।