शुद्धता और शुचिता से समझौता नहीं - सुनीता नारायण
शुद्धता और शुचिता से समझौता नहीं - सुनीता नारायण
पर्यावरण प्रेमी स्कूली छात्रा ग्रेटा थनबर्ग को आज विश्व भर में मिल रही प्रसिद्धि के बीच भारत की उस बेटी का जिक्र आवश्यक है जिसने आज से पांच दशक पहले ही बतौर स्कूली छात्रा पर्यावरण को बचाने की मुहिम छेड़ दी थी। पद्मश्री सुनीता नारायण नामक इस प्रकृतिप्रेमी को हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने दुनिया की 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया है। सुनीता नारायण का जन्म वर्ष 1961 में दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। जब वे महज आठ साल की थीं तब उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। उनकी मां ने मुश्किलों से उनकी तीन बहनों को पाल-पोस कर बड़ा किया। बचपन से ही उन्हें पर्यावरण सुरक्षित रखने का जुनून था। वर्ष 1979 में जब वे स्कूल में पढ़ रही थीं, तभी बाहरी कंपनियों को दिल्ली के रिज फ़ॉरेस्ट में जंगलों को काटने से रोकने के लिये अभियान चलाने वाले दिल्ली के एक सक्रिय छात्र समूह 'कल्पवृक्ष' में शामिल हो गयीं। वर्ष 1982 में सुनीता नारायण प्रख्यात पर्यावरणविद अनिल अग्रवाल द्वारा शुरू की गयी संस्था 'सेंटर फॉर साइंस एंड इनवॉर्नमेंट' से जुड़ गयीं और वहां कई महत्त्वपूर्ण शोध किये। वर्ष 2001 में उन्हें इस संस्थान का निदेशक बनाया गया। वर्ष 2003 में उन्होंने मिनरल वॉटर और वर्ष 2004 में उन्होंने कोका-कोला और पेप्सी में मौजूद अशुद्धियों का राज खोल कर तहलका मचा दिया। इसके बाद उन्होंने बाजार में उपलब्ध कई उत्पादों की अशुद्धियां खोजीं। उन के बेहतरीन कार्यों का प्रतिफल मिला वर्ष 2005 में जब उन्हें भारत सरकार ने पदमश्री से सम्मानित किया। इसी वर्ष उन्हें स्टाकहोम वॉटर प्राइज भी मिला। इसके पहले भी उन्हें कई पुरस्कार व सम्मान मिल चुके हैं। उन की जागरूकता अभियान का दायरा प्रतिवर्ष बढ़ता ही रहा है। वे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के अलावा नक्सलवाद, राजनीतिक भ्रष्टाचार, बाघ व पेड़ संरक्षण और अन्य सामाजिक विषयों पर कार्य कर रही हैं। सादे विचार और व्यवहार वाली सुनीता नारायण का व्यक्तित्व युवा पीढ़ी खास कर महिलाओं के लिये खास प्रेरणास्त्रोत है । शक्तिशाली नारी शक्ति 2020 के सर्वे " नारायणी नमः" में फेम इंडिया मैगजीन और एशिया पोस्ट सर्वे द्वारा समाजिक स्थिती , प्रभाव , प्रतिष्ठा , छवि , उद्देश्य , समाज के लिए प्रयास , देश के आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव जैसे दस मानदंडों पर किए गए स्टेकहोल्ड सर्वे में देश की प्रमुख 20 शक्तिशाली नारी में सुनिता नारायण प्रमुख स्थान पर है ।