अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा से क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति दर्ज की है अजय निषाद ने
अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा से क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति दर्ज की है अजय निषाद ने

मुजफ्फरपुर, बिहार से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद अजय निषाद उन चोटी के राजनेताओं में से गिने जाते हैं जो कामयाबी के शिखर पर रहने के बावजूद जमीन से जुड़े रहने की कला जानते हैं। उनके पिता स्वर्गीय कैप्टन जयनारायण निषाद पांच बार सांसद और कैबिनेट मंत्री रह चुके थे और वे खुद लगातार दूसरी बार भारी मतों से चुनाव जीत कर सांसद बने हैं फिर भी हर किसी की मदद के लिये तत्पर दिखायी देते हैं। 2 अक्टूबर 1966 के दिन हाजीपुर, वैशाली में जन्मे अजय निषाद को राजनीति विरासत में मिली है। स्वतंत्रता सेनानी से भारतीय सेना से कैप्टन बन कर रिटायर हुए उनके पिता ने मुजफ्फरपुर की जनता से जो संबंध बनाया वो आज भी कायम है। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अजय निषाद भी पूरी तरह राजनीति और जनसेवा में रम गये। बिहार की जाति प्रधान राजनीति में भी उन्होंने सभी जातियों व धर्मों का समर्थन हासिल कर एक मिसाल कायम की।हालांकि वर्ष 2014 में उनकी जोरदार जीत को उनके पिता की लोकप्रियता का असर माना गया, लेकिन पांच साल के उनके कार्यकाल का नतीजा ये निकला कि उन्हें मिलने वाले वोटों का आंकड़ा 49% से बढ़ कर 63% हो गया। जहां वर्ष 2014 में उन्हें करीब दो लाख वोटों से जीत मिली थी, वहीं वर्ष 2019 के चुनाव में उन्हें चार लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई। सत्रहवीं लोकसभा में उन्होंने 98 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की है और तीन बहसों में हिस्सा लिया है। अजय निषाद संसद में सवाल उठाने में महारत हासिल कर चुके हैं क्योंकि दो सत्र में ही वे 53 प्रश्न पूछ चुके हैं जिनमें कई तारांकित भी थे। उन्होंने स्वास्थ्य, पर्यटन, बाल श्रम, रोजगार, शिक्षा, न्यूनतम मजदूरी आदि कई जन सरोकार के मुद्दों को बेबाकी से सदन में उठाया है। उन्हें वर्ष 2019 के जुलाई में अन्य पिछड़े वर्ग के लिये बनी संसदीय कमेटि का सदस्य बनाया गया जबकि सितंबर में कोयला व इस्पात मामलों की स्थायी समिति का सदस्य चुने गये। बैडमिंटन, क्रिकेट व तैराकी जैसे खेलों के शौकीन अजय निषाद समय-समय पर प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक समारोहों के आयोजनों से भी संबद्ध रहते हैं। वे स्वभाव से मृदुभाषी हैं और विवादों से दूर रहने की मुजफ्फरपुर में उन्होंने केंद्र सरकार की मदद से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनवाया और चमकी बुखार पर विशेष लैब बनवाया है। इलाके की स्वच्छता पर भी उनका विषेष ध्यान है