बेहतर - बेहतर कार्ययोजनाओं से बनाई अपनी अलग पहचान है अल्केश कुमार शर्मा ने

बेहतर - बेहतर कार्ययोजनाओं से बनाई अपनी अलग पहचान है अल्केश कुमार शर्मा ने

बेहतर - बेहतर कार्ययोजनाओं से बनाई अपनी अलग पहचान है  अल्केश कुमार शर्मा ने

कोच्चि मेट्रो के नवनियुक्त मैनेजिंग डायरेक्टर अल्केश कुमार शर्मा ऐसे जानकार व कुशल प्रबंधक के तौर पर जाने जाते हैं जो किसी भी परियोजना में लगाये गये तो उसे सफलता पूर्वक पूरा कर दिखाया। पिछले चार वर्षों से वे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर थे। उन्हें केरल सरकार की ओर से बेस्ट सीईओ अवॉर्ड, सर्वश्रेष्ठ जिला जनगणना अधिकारी का राष्ट्रपति पदक और केरल सरकार का बेस्ट परफॉरमेंस पुरस्कार मिल चुका है। राजस्थान के रहने वाले अल्केश शर्मा ने कृषि विज्ञान में गोल्ड मेडल के साथ ग्रैजुएशन किया है। वे रूरल मैनेजमेंट में एमबीए भी कर चुके हैं। 1990 बैच में केरल कैडर से जुड़ने के बाद उन्हें केरल सरकार के खाद्य आपूर्ति व पर्यटन विभाग से जुड़ने का मौका मिला। त्रिशूर व मलपुरम जिलों में जिलाधिकारी रहने के बाद वे एक बार फिर पर्यटन विभाग से जुड़े। इस बार पहले वे विभाग के निदेशक बने और फिर एडिशनल सेक्रेटरी। केरल को 'गॉड्स ओन कंट्री' के ब्रांड के तौर पर स्थापित करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही और उनके कार्यकाल में प्रदेश को भारत सरकार व कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से बेस्ट टूरिज्म स्टेट का अवार्ड भी मिला।    अल्केश शर्मा की क्षमताओं को देखते हुए वर्ष 2004 में यूपीए वन सरकार के दौरान राज्य मंत्री बनी कुमारी शैलजा ने उन्हें बतौर निजी सचिव प्रतिनियुक्ति पर बुलाया। वर्ष 2007 में शर्मा को युनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम का नैशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। वर्ष 2009 में वे केरल के उद्योग सचिव बने। वर्ष 2011 में संस्कृति विभाग से जुड़े फिर वर्ष 2012 में दोबारा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सड़क परिवहन मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी बने। वर्ष 2015 में केंद्रीय कॉमर्स मंत्रालय ने दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना तैयार की तो अल्केश शर्मा को ही इसका सर्वेसर्वा बनाया गया। यहां उन्होंने प्रोजेक्ट का अधिकतर कार्य सफलता पूर्वक पूरा कर दिया है। उनकी नयी जिम्मेदारी में कोच्चि मेट्रो के द्वितीय चरण में बहुचर्चित वॉटर मेट्रो लाने की घोषणा है। खास बात यह है कि कई कदमों को केंद्र सरकार से मंजूरी व फंड अभी तक नहीं मिली है जिसे तय समय-सीमा में लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।