शानदार और बेहतर पुलिसिंग की पहचान बन चुके आईपीएस - आनंद कुमार

शानदार और बेहतर पुलिसिंग की पहचान बन चुके आईपीएस - आनंद कुमार

शानदार और बेहतर पुलिसिंग की पहचान बन चुके आईपीएस -  आनंद कुमार

देश के ख्यातिनाम  आईपीएस अधिकारियों में एक ऐसे आईपीएस अधिकारी का भी जिक्र आवश्यक हो जाता है, जिन्हें उनके शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के लिये जाना जाता है। ये है उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन एवं सुधार के महानिदेशक आनंद कुमार। आनंद कुमार जहां भी रहे हैं , उन्होंने शानदार ढंग से कार्य किया है। आनंद कुमार का जन्म 4 अप्रैल 1964 को बिहार के राजधानी पटना में हुआ। उनके पिता एस के श्रीवास्तव सरकारी नौकरी में थे। देश के प्रसिद्ध मॉडर्न स्कूल दिल्ली से स्कूलिंग के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज में दाखिला लिया। जहां उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स में ग्रैजुएशन और मास्टर्स की डिग्री हासिल की। आनंद कुमार एम. ए. में दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉपर रहें हैं। पढ़ाई हो या क्रिकेट का मैदान, आनंद कुमार हमेशा आगे रहे। वर्ष 1988 में उनका आईपीएस में चयन हुआ और उत्तर प्रदेश कैडर मिला। आनंद कुमार की पहली पोस्टिंग बतौर ट्रेनी एएसपी हैदराबाद में हुई। फिर वे मुरादाबाद और गोरखपुर में भी नियुक्त हुए। बतौर एसपी उन्हें गाजियाबाद की कमान सौंपी गई, जहां उनके उत्तम कार्यशैली की चर्चा आम है। बाद में उनकी पोस्टिंग रायबरेली, मुजफ्फरनगर, मेरठ और हरिद्वार जैसे जिलों में हुई। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता और जवाबदेह कार्यशैली से इन जिलों में प्रो पीपुल्स पुलिसिंग स्थापित की और अपराध नियंत्रण में सफल रहे। बतौर सीनियर एसपी उन्होंने देहरादून और गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा की कमान संभाली। उस दौरान अपराध नियंत्रण के उनके प्रयासों की चर्चा आज भी होती है। डीआईजी रैंक में पहुंचते ही आनंद कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आ गए, जहां उन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटी और फिर एयर इंडिया के सिक्योरिटी डायरेक्टर के पदों पर नियुक्त किया गया। वे एविएशन सिक्योरिटी के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने भारत ही नहीं बल्कि मलेशिया, थाइलैंड और कनाडा से भी एविएशन सिक्योरिटी में एडवांस कोर्स किया है। वे न्यू जर्सी और पोलैंड में एविएशन सिक्योरिटी पर आयोजित सेमिनारों में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। होम कैडर में वापसी के साथ उन्हें लखनऊ और फिर सहारनपुर रेंज का डीआईजी बनाया गया। सहारनपुर में वे आईजी भी रहे हैं। आनंद कुमार पुनः वर्ष 2011 से 2016 तक के लिए सेंट्रल डेप्युटेशन पर गए। जहां उन्हें एनटीपीसी का एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और बाद में ऑयल इंडिया का चीफ विजिलेंस ऑफिसर बनाया गया। आनंद कुमार को आला दर्जे का रणनीतिकार माना जाता है। दंगा नियंत्रण हो या प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार की बात, राज्य सरकार इन पर बेहद भरोसा करती है। वर्ष 2017 में इन्हें चुनौतीपूर्ण स्थिति में प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी दी गई और ये राज्य सरकार की उम्मीद पर खरे उतरे। वर्ष 2019 में प्रदेश के जेलों की बिगड़ी व्यवस्था को नियंत्रित करने और सुधार लाने के लिए उन्हें जेल प्रशासन और सुधार का डीजी बनाया गया। इस महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ ही उन्हें वर्ष 2019 में विशेष परिस्थिति में कुछ समय के लिए राज्य सैन्य पुलिस ( होमगार्ड ) का महानिदेशक भी बनाया गया। आनंद कुमार ने अपने शानदार करियर में एविएशन के अलावे क्रिमिनोलॉजी, कंप्यूटर एप्रेसिएशन और डिजास्टर मैनेजमेंट आदि में देश-विदेश से कई प्रशिक्षण हासिल किये हैं। आनंद कुमार को वर्ष 2019 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस के सबसे प्रतिष्ठित  राष्ट्रपति पदक ( गैलेंट्री अवार्ड ) से नवाजा गया है। इसके अलावा भी‌ उन्हें समय-समय पर कई अवॉर्ड और प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं। जिनमें वर्ष 2009 में पुलिस मेडल, वर्ष 2013 में स्पेशल ड्यूटी मेडल, वर्ष 2017 में महानिदेशक का सिल्वर डिस्क वर्ष 2018 में पराक्रम पदक, वर्ष 2019 में प्लैटिनम डिस्क और इसी वर्ष मिले सीएम मेडल व कुंभ सेवा मेडल आदि शामिल हैं।  

फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों पर किए गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में उत्तर प्रदेश के कारागार एवं सुधार के महानिदेशक आनंद कुमार, शानदार श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।