क्षमतावान - उम्दा स्कॉलर और क्षमताओं से भरपूर ब्यूरोक्रट है अनुराधा ठाकुर
क्षमतावान - उम्दा स्कॉलर और क्षमताओं से भरपूर ब्यूरोक्रट है अनुराधा ठाकुर

भारत सरकार के निवेश और पब्लिक एसेट मैनेजमेंट विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी अनुराधा ठाकुर की गिनती देश के जानकार व तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है। वे उन चुनिंदा अधिकारियों में से हैं जो विश्व बैंक में तीन वर्षों तक एडवाइजर रह चुकी हैं। देश की आर्थिक नीतियों के निर्धारण व अनुपालन के लिये केंद्र सरकार ने उन्हें दोबारा प्रतिनियुक्ति पर बुलाया है। मूल रूप से बिहार की रहने वाली अनुराधा ठाकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एमए किया है, लेकिन 1994 बैच में हिमाचल कैडर की आईएएस बनने के बाद से वे लगातार रेवेन्यु व कॉमर्स जैसे विभागों से जुड़ी रहीं। उन्होंने कांगड़ा में बतौर एडिशनल डीसी व हमीरपुर जिले में बतौर डिप्टी कमिश्नर कार्य किया। करने के बाद हिमाचल सरकार के पंचायती राज, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग में भी अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में सर्टिफिकेट कोर्स किया। इसके अलावा वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से फ्रेंच भाषा में भी सर्टिफिकेट हासिल कर चुकी हैं।वे वर्ष 2008 में केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर वित्त मंत्रालय में बतौर डिप्युटि सेक्रेटरी पदस्थापित हुईं और वहीं डायेक्टर भी बनीं। वर्ष 2011 में वे विश्व बैंक में एक्जीक्युटिव डायरेक्टर की एडवाइजर के तौर पर वाशिंगटन गयीं। वर्ष 2015 में वे हिमाचल प्रदेश सरकार में सोशल जस्टिस एंड इंपॉवरमेंट सेक्रेटरी बनीं। वर्ष 2016 में उन्हें सिंचाई व लोक स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी का भी कार्यभार सौंपा गया। वर्ष 2017 से वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं। अनुराधा ठाकुर को एक जानकार अधिकारी के साथ-साथ उम्दा स्कॉलर भी माना जाता है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में जल संरक्षण का करीब से अध्ययन किया है और उस विषय पर कई लेख लिख चुकी हैं। सामजिक,आर्थिक और जल प्रबंधन जैसे विषयों पर उनके लिखे आलेख योजना, इकोनॉमिक टाइम्स, ट्रिब्यून व हिन्दू बिजनेस जैसे प्रतिष्ठित पब्लिकेशनों में छपते रहे हैं।