अंदाजे बयां ही कुछ और है जिनका वो है चितरंजन कुमार खेतान

अंदाजे बयां ही कुछ और है जिनका वो है चितरंजन कुमार खेतान

अंदाजे बयां ही कुछ और है जिनका वो है चितरंजन कुमार खेतान

मध्य प्रदेश के तेज तर्रार आईएएस अधिकारी चित्तरंजन कुमार खेतान की गिनती उन गिने-चुने अधिकारियों में की जाती है जो प्रदेश के हर शासनकाल में सार्वाधिक लोकप्रिय रहे हैं। वे मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हैं और 1987 बैच में भारतीय प्रशासनिक सेवा के छत्तीसगढ़ कैडर में शामिल हुए थे। अपने लंबे कार्यकाल में उन्होंने कई ऐसे कार्य किये हैं जिनके लिये उन्हें बरसों याद रखा जायेगा। बिहार विश्वविद्यालय से बीए में गोल्ड मेडल प्राप्त करने के बाद जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए करने आये तो यहां भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया। उन्होंने यहां भी पूरे विश्वविद्यालय में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया। उन्होंने एमफिल की डिग्री भी हासिल की। वे कुछ समय के लिये पत्रकारिता से भी जुड़े और प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे में बतौर सब एडीटर कार्य किया, लेकिन 1987 में उनका चयन देश की सर्वोच्च सेवा आईएएस के लिये हो गया। इसके बाद भी उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए व नीदरलैंड्स के रॉथेर्डम विश्वविद्यालय से अर्बन प्लानिंग में डिस्टिंक्शन के साथ सर्टिफिकेट हासिल किया। मध्यप्रदेश कैडर में चित्तरंजन खेतान ने इंदौर के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के प्रशासक के तौर पर अभूतपूर्व कार्य किया। उन्होंने नगर उन्होंने न सिर्फ प्रॉपर्टी टैक्स की चोरी रोकी बल्कि अन्य विभागों के साथ मिल कर शॉपिंग मॉल्स भी बनवाये और आउटडोर पब्लिसिटी के जरिये आय की शुरुआत करवायी। वर्ल्ड बैंक के बाल विकास परियोजना से जुड़ कर उन्होंने छत्तीसगढ़ के पिछड़े इलाकों में काफी कार्य किये। बाद में छतरपुर के जिलाधिकारी के तौर पर उन्होंने खजुराहो के विकास का जो समेकित विकास स्कीम तैयार किया उसके कारण यह पर्यटन स्थल आज अंतरराष्ट्रीय पटल पर है। वे लघु उद्योग विभाग के निदेशक भी रहे जहां उन्होंने पहली बार एक स्टेट पॉलिसी बनायी।  छत्तीसगढ़ सरकार के गठन के बाद वे दमोह के जिलाधिकारी भी रहे। मीडिया से जुड़ाव और समझ के कारण उन्हें राज्य का सूचना निदेशक भी नियुक्त किया गया। नवगठित राज्य की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाने में उनकी भूमिका को आज भी याद किया जाता है। वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर परिवहन विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में नैशनल ट्रस्ट के सीईओ भी रहे। उन्होंने लगभग पैंतीस देशों की यात्राएं की हैं और कई देशों के प्रशासनिक सिस्टम का अध्ययन भी किया है। फिलहाल वे बतौर अतिरिक्त मुख्य आयुक्त प्रदेस के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता जैसे मुख्य बिंदुओं पर किये गये फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे 'असरदार ब्यूरोक्रेट्स -2019' में चित्तरंजन कुमार खेतान प्रमुख स्थान पर हैं।