योजनाओं को एक्जिक्यूट करने को ही सफलता मानते हैं हितेश बी राव
योजनाओं को एक्जिक्यूट करने को ही सफलता मानते हैं हितेश बी राव
27 साल के हितेश बी राव ने महज तीन वर्षों में ही सफलता की ऐसी कहानी लिख डाली है जो बड़े-बड़े बिजनेस घरानों के कारोबारियों के लिये दशकों में संभव नहीं हो पाया. एक पारंपरिक पारिवारिक व्यवसाय से एक दर्जन सफल कारोबारों तक का सफर हितेश की दूरदर्शी सोच और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है. आज वे एक विशाल बिजनेस ग्रुप के युवा संस्थापक है. हितेश के पिता एक संपन्न कारोबारी थे. उनकी बारहवीं तक की शिक्षा वसंत कुंज के दिल्ली पब्लिक स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने मनिपाल युनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, लेकिन उन्होंने अपना करीयर किसी नौकरी में नहीं ढूंढा. उनका लक्ष्य शुरू से कुछ अलग कर दिखाने का था. हितेश का परिवार प्रिंटिंग पैकेजिंग के व्यवसाय में था. उन्होंने जब इस व्यवसाय में कदम रखा तो उन्हें लगा कि इसकी कुछ सीमाएं हैं जिनसे आगे नहीं बढ़ा जा सकता. उन्होंने नये क्षेत्रों में कदम जमाना शुरू किया और अकेले ही 12 व्यावसायिक वर्टिकलों को शुरू कर डाला. उन्होंने जितने भी नये कारोबार शुरू किये उनमें से प्रत्येक को लाभदायक बनाने के लिये काफी कड़ी मेहनत की. प्रिंटिंग और पैकेजिंग के पारिवारिक व्यवसाय के अलावा उन्होंने हॉस्पिटैलिटी, फूड एंड बेवरेज, साइबर सिक्योरिटी, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, पर्सनल हेल्थकेयर, फूड प्रोसेसिंग, बिजनेस एडवोकेसी, बी 2 बी कमोडिटी, मैनपावर, बिजनेस कंसल्टिंग जैसे क्षेत्रों में कदम रखा और आज एक पूरा बिजनेस ग्रुप तैयार कर लिया. खास बात ये है कि उनका कोई भी वेंचर घाटे में नहीं है. इतने कम समय में अपनी कामयाबी को हितेश एक ऐसे बिजनेस मॉडल से जोड़ते हैं जिसमें योजना बनाना महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि उसे सफलता पूर्वक कार्यरूप देना जरूरी है. उनका प्रमुख फोकस निष्पादन रहा है. हितेश का कहना है, “केवल व्यापारिक योजना बना लेना कोई बड़ी बात नहीं है. असल चीज है उस योजना पर काम कर के दिखाना. यदि आप कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और इसके साथ सफल होना चाहते हैं, तो आपको सार्थक समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है. व्यवसाय में निष्पादन ही सब कुछ है.” हितेश प्रसिद्ध कोरियाई कंपनी दाइवू के संस्थापक किम वू चुंग के उस वाक्य को अपना आदर्श मानते हैं जिसके अनुसार, “जब आप क्षितिज को छूते हैं, तभी आपको आगे की यात्रा के बारे में पता चलता है...” शायद यही कारण है कि हितेश के बिजनेस वर्टिकल्स भी क्षितिज से आगे कदम बढ़ाने को तैयार हैं. अगले साल वे अपने व्यवसाय का वित्त और निर्माण क्षेत्रों में विस्तार करने की तैयारी कर चुके हैं.