जिम्मेदारी से दायित्व निभाने वाले आईपीएस - भगवान लाल सोनी

अपराधियों के लिये सख्त, लेकिन आम नागरिक के लिये मददगार आईपीएस भगवान लाल सोनी

  जिम्मेदारी से दायित्व निभाने वाले आईपीएस  - भगवान लाल सोनी

एक आईपीएस अधिकारी जिसने अपनी जिम्मेवारियों  को बखूबी निभा कर जनता के बीच लोकप्रियता की बड़ी  ऊंचाइयां हासिल की है । इन्हें राजस्थान पुलिस में किसी सुपर स्टार से कम नहीं समझा जाता। अपराधियों के लिये सख्त, लेकिन आम नागरिक के लिये मददगार आईपीएस भगवान लाल सोनी राजस्थान सरकार में एडीजी ( क्राइम )  हैं। भगवान लाल सोनी का जन्म जोधपुर के एक संपन्न किसान परिवार में 1 जनवरी 1963 को हुआ था। स्कूली शिक्षा जोधपुर में ही पूरी करने के बाद उन्होंने एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू की। वे बेहद मेधावी थे और प्रतिष्ठित कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर से  बीएससी ( एग्रीकल्चर) करने के बाद दिल्ली के पूसा सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एग्रोनॉमी में एमएससी की डिग्री हासिल की , वे दोनों ही में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। वर्ष 1988 में वे यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा के जरिये आईपीएस में चयनित हुए और  राजस्थान कैडर मिला । ट्रेनिंग पूरी करने के बाद युवा अधिकारी भगवान लाल सोनी की पहली पोस्टिंग वर्ष 1990 में कोटा के एएसपी के तौर पर हुई। वर्ष 1992 में श्रीगंगानगर में फिर बूंदी, जैसलमेर, भीलवाडा भरतपुर आदि  जिलों में बतौर एसपी उनकी नियुक्ति हुई। वहां उनकी जिम्मेदार कार्यशैली की तूती बोलने लगी। अपराध और अन्याय के वे सख्त खिलाफ थे । स्थानीय लोग उन्हें बेहद पसंद करते थे। सरकार ने उनकी लोकप्रियता व  कर्तव्यनिष्ठता को देखते हुए उन्हें राजधानी जयपुर के तीनों पुलिस जिलों नॉर्थ, साउथ और रूरल में तैनात किया। बीच में उन्हें एंटी करप्शन, दोबारा भीलवाड़ा   एसपी के पद पर भी भेजा गया । वर्ष 2004 में जब भगवान लाल सोनी डीआईजी बने तो केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर सीबीआई के लिये चंडीगढ़ में पोस्टिंग हुई। फिर वर्ष 2009 में आईजी बन कर वापस राजस्थान लौटे तो उन्हें प्रतिष्ठित जयपुर रेंज-1 की कमान सौंपी गयी। वर्ष 2010 में जब जयपुर को मेट्रोपोलिटन बनाकर वहां पुलिस कमिश्नर का पद बनाया गया तो उन्हें इस पद पर सबसे पहले नियुक्त होने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने जयपुर पुलिस कमिश्नर के पद  पर बेहतरीन कार्य किया । जिससे जयपुर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम मजबूत हुआ और लोगों का विश्वास बढा। वर्ष 2013 में उन्हें एडीजी के पद पर राजस्थान पुलिस अकादमी का डायरेक्टर बनाया गया। वर्ष 2016 में उन्हें एसडीआरएफ की कमान सौंपी गयी। वर्ष 2018 से वे क्राइम ब्रांच के एडीजी पद पर तैनात हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर विश्व के कई देशों की यात्राएं की हैं जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका व ऑस्ट्रेलिया प्रमुख हैं , ज्यादातर यात्राएं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के समय हुई ।  उन्हें उनके विशिष्ट कार्यों, कर्तव्यपरायणता और वीरता के लिये कई पुरस्कार भी हासिल हो चुके हैं। वर्ष 1992 में उन्हें भारत सरकार के होमगार्ड्स व सिविल डिफेंस के डायरेक्टर जेनरल से गोल्ड मेडल मिल चुका है। वर्ष 1996 में वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्युरो ने उन्हें लगातार उत्कृष्ट योगदान देने के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। वर्ष 2003 में उन्हें सराहनीय सेवा के लिये राष्ट्रपति पदक प्राप्त हुआ। वर्ष 2013 में उन्हें नैशनल कमीशन फॉर वूमेन ने उन्हें विशेष पुरस्कार के लिये चुना। वर्ष 2015 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति की तरफ से विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त हुआ। 

फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट के "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में राजस्थान के एडीजी (क्राइम) भगवान लाल सोनी को जिम्मेदार श्रेणी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।