त्वरित फैसला लेने के लिए जाने जाते हैं मयंक वरवड़े
त्वरित फैसला लेने के लिए जाने जाते हैं मयंक वरवड़े
बिहार कैडर के असरदार ब्यूरोक्रेट्स में एक प्रमुख नाम मयंक वरवड़े का भी है , 2001 बैच के मयंक को शालीन और गंभीर ब्यूरोक्रेट माना जाता है । मध्य प्रदेश के मूल निवासी मयंक वरवड़े ने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से बीटेक और मैनेजमेंट एंड सिस्टम से एम टेक की डिग्री में अव्वल रहने के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का निर्णय लिया और 2001 में यूपीएससी के द्वारा आईएएस चुने गए। बिहार कैडर मिला और पहली पोस्टिंग सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के तौर पर मधुबनी सदर में हुआ ।यह कार्यकाल दो वर्षों का रहा और बतौर एसडीओ इन्होने यहां खास पहचान बनाई । 2005 में इन्हे खगड़िया जिले का जिलाधिकारी बनाया गया , तीन साल के कार्यकाल में मयंक शानदार गवर्नेंस और कार्य कुशलता से आम जनता से जुड़े और विकास के कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए । बाद में इन्हे भभुआ और जमुई जिले में भी जिलाधिकारी पद की जिम्मेदारी दी गई । ये बिहार में पंचायती राज में डायरेक्टर और लेबर कमिश्नर के पद पर भी रहे हैं । 2013 में ये इंटर स्टेट डेप्यूटेशन पर छत्तीसगढ़ गए , यहां इनका डेप्यूटेशन पांच वर्षों का था । इस दौरान वहां ये एमजीएनआरईजीएस में आयुक्त , नरेगा और पब्लिक इंट्रेक्सन में संचालक के पद पर रहे , इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव और राज्य साक्षरता मिशन में डायरेक्टर बनाए गए । हर पद पर उन्होंने अपनी जवाबदेह कार्यशैली का सिक्का जमा दिया ।पांच वर्षों बाद कैडर में वापसी के साथ ही इन्हें भी 2018 में दरभंगा डिविजन का डिविजनल कमिश्नर बनाया गया ।लोगों की राय मे विगत डेढ़ वर्षों का इनका यह कार्यकाल सराहनीय है , ये पूरी शालिनता और कर्मठता से अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाने वाले आईएएस अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं ।इनकी फाइनेंस की समझ भी अच्छी है , मयंक वरवड़े ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कैपिटल मार्केट्स से फिनांसियल मार्केट रेगुलेशन की एक वर्ष की ट्रेनिंग भी ली है ।
शानदार गवर्नेंस , दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच ,जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2019 में मयंक वरवड़े प्रमुख स्थान पर हैं ।