उर्जावान - बेहतर नीति निर्माता व बेहद उर्जावान ब्यूरोक्रेट है पंकज कुमार
उर्जावान - बेहतर नीति निर्माता व बेहद उर्जावान ब्यूरोक्रेट है पंकज कुमार
बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस पंकज कुमार को एक सुलझा हुआ समझदार अधिकारी माना जाता है। वे तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त हैं और अपनी प्रशासनिक क्षमता के लिये पहचाने जाते हैं।
बिहार के बांका में 1 जनवरी 1970 को एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे पंकज बचपन से ही मेधावी छात्र थे। उन्होंने बीआईटी सिंदरी से सिविल इंजीनियरिंग में बी-टेक प्रथम श्रेणी से करने के बाद आईआईटी दिल्ली से सॉइल इंजीनियरिंग में एमटेक भी किया। सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय से जुड़े, फिर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में चयनित हुए और रेलवे से जुड़े। उन्होंने वर्ष 1997 में यूपीएससी की परीक्षा पास की।पहली पोस्टिंग बतौर सिविल एसडीओ धनबाद हुई। कोल माफिया पर ऐसी लगाम लगायी कि दो महीने में ही पलामू तबादला हो गया। झारखंड बंटवारे के बाद वे बिहार कैडर में ही रहे और उन्हें गोपालगंज, सारण, पूर्णिया, मधुबनी, नवादा और समस्तीपुर जैसे जिलों की कमान सौंपी गयी। वे जहां रहे सरकार और जनता के हित में कार्य किया और भूमिहीनों के बीच जमीनों का आवंटन करवाया। उन्हें बिहार स्टेट क्रेडिट एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन का मैनेजिंग डायरेक्टर, को-आपरेटिव सोसायटी का रजिस्ट्रार, का पद भी सौंपा गया।
वर्ष 2012 में उनकी पोस्टिंग पूर्णिया के डिविजनल कमिश्नर के तौर पर हुई तो वहां भूमाफिया ने गरीबों की जमीनें हड़प रहे थे। उन्होंने एक अभियान चलाकर भूमाफियाओं को जेल भेज कर गरीबों को उनकी जमीनें 'दखल देहानी' केतहत वापस दिलवायीं। बाद में सरकार ने इसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में ऑपरेशन दखल देहानी चलवाया। वे जब खाद्य एवम् उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव बने तो वहां राशन माफिया का राज था और निगम को करोड़ों का नुकसान हो रहा था। उन्होंने राशन वितरण व्यवस्था का कंप्युटरीकरण कर गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकिंग लगवा दी तो सारी व्यवस्था सुधर गयी उन्होंने ई-चलान और डोर स्टेप डिलीवरी शुरू करवा कर कालाबाजारियों का पूरी तरह सफाया कर दिया। वे पर्यटन विभाग के सचिव भी रहे।
पंकज कुमार ने प्रशासनिक दक्षता बनाए रखने के लिये समय-समय पर कई ट्रेनिंग और कोर्स किये हैं जिनमें टाटा मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर से डेवलपिंग लीडरशिप एक्सिलेंस प्रोग्राम, नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट से प्रोजेक्ट एंड रिस्क एनालिसिस, आईआईएम बैंगलोर से एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट आदि प्रमुख हैं ।