उम्मीद - देश के नागरिक उड्डयन को उम्मीद है जिनसे प्रदीप सिंह खारोला

उम्मीद - देश के नागरिक उड्डयन को उम्मीद है जिनसे प्रदीप सिंह खारोला

उम्मीद - देश के नागरिक उड्डयन को उम्मीद है जिनसे प्रदीप सिंह खारोला

देश के सबसे चर्चित नौकरशाहों में से एक प्रदीप सिंह खारोला देश की नागरिक उड्डयन व्यवस्था की  जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वे 1985 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और देश के एविएशन सेक्रेटरी है। इससे पूर्व उन्हें एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। वे प्रतष्ठित बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं।मूल रूप से देहरादून के रहने वाले प्रदीप सिंह खारोला ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है। वे कर्नाटक सरकार में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और उन्हें एक दूरदर्शी व ईमानदार अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। 2015 में उन्हें पर्यटन विभाग, कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। इससे पहले उन्हें 2013 में कर्नाटक अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉर्पोरेशन के चेयरमैन भी बनाया गया। जब 1997 में बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बनाया गया तो वे इसके प्रबंध निदेशक बनाये गये। वे बैंगलोर डेवलपमेंट ऑथारिटी  कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के भी मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। कर्नाटक में एयर कंडीशंड बसें दौड़ा कर घाटे में चल रहे निगम को फायदे में बदलने का उनका करिश्मा आज भी याद किया जाता है। वे बेलगाम और उत्तर कर्नाटक के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। प्रदीप सिंह खारोला ने आईआईएम लखनऊ, आईआईएम बैंगलोर व आईएएस अकादमी जैसे संस्थानों से शहरी प्लानिंग, इंटरप्राइज़ मैनेजमेंट, बिजनेस प्रोसेस रीइंजीनियरिंग व ई गवर्नेंस जैसे विषयों का विशेष प्रशिक्षण लिया है। जब वर्ष 2013 में बैंगलोर मेट्रो की प्लानिंग शुरू हुई तो वे सभी की पहली पसंद थे। उन्होंने  बैंगलोर महानगर में सफलता पूर्वक मेट्रो का निर्माण व परिचालन भी करवाया। एक अर्से से वे तकनीक और प्रबंधन जैसे विषयों पर अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में शोधपत्र और लेख लिखते रहे हैं। उन्हे देश का नागरिक उड्डयन विभाग का सचिव जैसा पद देना बताता है कि सरकार उनकी सूझबूझ और दूरदर्शिता की कितनी कायल है, क्योंकि अभी देश में एक ओर घरेलू उड्डयन को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है वहीं भारी-भरकम घाटे से जूझ रही एयर इंडिया को सरकार की मंशा रणनीतिक विनिवेश के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने की है।