कामयाब - हरियाणा में बनाई पारदर्शी व्यवस्था राजेश खुल्लर ने
प्रेरणादायक - भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव के वाहक राजीव कुमार
1988 बैच के आईएएएस अधिकारी राजेश खुल्लर की गिनती हरियाणा के सबसे योग्य और पॉवरफुल अधिकारियों में होती है। वे मुख्यमंत्री मनोहरलाल के प्रधान सचिव हैं और उन्हें प्रदेश में लगभग सभी प्रमुख कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उन्हें एक साथ 22 विभाग सौंपे गये। हालांकि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के तौर पर आने से पहले हरियाणा आने से पहले वे केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर ही थे। पंजाब विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में एमएससी कर चुके खुल्लर ने सरकारी सेवा में आने के बाद टोक्यो के ग्रिप्स से लोक प्रशासन में भी मास्टर्स डिग्री हासिल की। वे हिंदी , अंग्रेजी, पंजाबी के साथ ही संस्कृति भाषा के भी अच्छे जानकार हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग और फिर हरियाणा सरकार के कृषि विभाग में निदेशक के तौर पर कार्य किया। कृषि के क्षेत्र में उनके कार्यकाल के दौरान, हरियाणा गेहूं के उत्पादकता के मामले में पंजाब को पछाड़ते हुए भारत का पहले नंबर का राज्य बन गया और वर्षों तक इस पोजीशन को बनाये रखा। वे सोनीपत, रोहतक के जिलाधिकारी भी रहे हैं , वे आधारभूत सुविधाओं और जनसाधारण उपयोगी कार्यक्रमों को जिले में लागू करने में सफल रहे और दोनों ही शहरों की कायापलट कर दी। केंद्र सरकार में राजेश खुल्लर वित्त मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी रह चुके हैं जहां वे राष्ट्रीय स्तर पर पीपीपी और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के मुद्दों पर कार्यरत थे। उन्होंने राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर काम किया है जैसे निदेशक (जनसंपर्क विभाग, हरियाणा), प्रबंध निदेशक (हरियाणा पर्यटन निगम), आयुक्त (फरीदाबाद नगर निगम), और बाद में गुड़गांव शहर। फरीदाबाद में उनके द्वारा चलाये ग्रीन ट्रांसपोर्ट मोड के लिए भारत सरकार द्वारा जेएल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सन् 2008 में उन्होंने एचआईवी के डर और सामाजिक वर्जनाओं पर एक दिलचस्प किताब वाइरल मैच भी लिखी जो काफी चर्चित किताब रही। हरियाणा सरकार की कमान संभालने के बाद राजेश खुल्लर ने प्रदेश में ऐतिहासिक रूप से विकास की बयार बहाई है। उन्होंने भ्रष्टाचार की जड़ माने जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों भर्ती, बदली और सीएलयू (लैंड ययूज के परिवर्तन) को पूरी तरह कंप्युटराइज्ड करवा दिया। उन्होंने पूर्व की सरकारों की पर्ची सिस्टम के विपरीत एक ऐसी पारदर्शी व्यवस्था बनवायी है जिसमें किसी को ट्रांसफर करवाने से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक के लिये किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता जैसे मुख्य बिंदुओं पर किये गये फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे 'असरदार ब्यूरोक्रेट्स -2019' में राजेश खुल्लर प्रमुख स्थान पर हैं।