कर्मठता और समर्पण से राजनीति में बड़ा मुकाम बनाया है रमेश बिधूड़ी ने
कर्मठता और समर्पण से राजनीति में बड़ा मुकाम बनाया है रमेश बिधूड़ी ने
राजधानी की चमक-दमक वाली संस्कृति के बीच भी अपने ठेठ गंवई अंदाज में लोकप्रियता के नये आयाम गढ़ने वाले राजनेता रमेश बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली के लोकसभा सांसद हैं। वैसे तो वे स्थानीय गुर्जर समुदाय से हैं, लेकिन उन्हें हर जाति-धर्म और आयु वर्ग के लोगों का स्नेह व समर्थन प्राप्त है। उनके चाहने वालों के मुताबिक बिधूड़ी ने सबकी खुले दिल से मदद की है और कभी किसी की सहायता करने में भेदभाव नहीं किया। रमेश बिधूड़ी का जन्म 18 जुलाई 1961 को दिल्ली के तुगलकाबाद गांव में एक जमींदार किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई दक्षिण दिल्ली के कालका जी के सरकारी स्कूल में की। बीकॉम की पढ़ाई के लिये उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज में दाखिला लिया। बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाने वाले रमेश ने आगे चलकर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राजनीति शुरू की और शहीद भगत सिंह कॉलेज के सेंट्रल काउंसिलर चुने गये जिससे उन्हें विश्वविद्यालय की एक्जीक्युटिव काउंसिल में बैठने का मौका मिला। उन्होंने वकालत की डिग्री भी हासिल की और दिल्ली हाईकोर्ट के वकील भी बने और क्रशर का कारोबार भी किया। रमेश बिधूड़ी को समाजसेवा का जज्बा विरासत में मिला है। तुगलकाबाद इलाके में सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल और आर्यसमाज मंदिर उनके पुरखों से मिली दान की जमीन पर ही बने हैं। उनका परिवार हमेशा लोगों की मदद के लिये तत्पर रहा है। उनके पिता स्व. रामरिख तुगलकाबाद के प्रख्यात समाजसेवी थे। रमेश बिधूड़ी को प्रदेश भाजपा के मुखर और बड़े जन-समर्थन वाले नेताओं में गिना जाता है। वर्ष 1993 से वे प्रदेश भाजपा की महरौली जिला इकाई में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे और वर्ष 1997 से 2003 तक इसके अध्यक्ष भी रहे। 1996 में वे धर्मयात्रा महासंघ के प्रदेश सचिव भी बने। वर्ष 2003 से 2008 तक वे प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष भी रहे। लोकसभा में भाग्य आजमाने से पहले वर्ष 2003 से 2014 तक लगातार तीन बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य चुने गये। उनकी गिनती दिल्ली के सबसे सक्रिय और तेज-तर्रार विधायकों में होती थी। प्रदेश भाजपा में वे वर्ष 2008 से अबतक लगातार महासचिव बने रहे हैं। रमेश बिधूड़ी देश के उन चंद गिने-चुने नेताओं में से हैं जिनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है। वर्ष 2014 में सोलहवीं लोकसभा चुनाव में उन्हें भारी जन-समर्थन मिला और 45% वोट के साथ सांसद बने, जबकि वर्ष 2019 में वोटों का आंकड़ा बढ़ कर 56.6% हो गया और वे दोबारा चुन लिये गये। वर्ष 2019 के जुलाई में उन्हें पिछड़ी जाति की लोकसभा समिति का सदस्य बनाया गया जबकि सितंबर में प्रतिष्ठित पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मामलों की संसदीय समिति का अध्यक्ष चुना गया है। रमेश बिधूड़ी बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं और खेलकूद के शौकीन भी। कॉलेज के दिनों में वे क्रिकेट में बेस्ट गेंदबाज का खिताब जीत चुके हैं और आज भी क्षेत्र में खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित करवाते हैं। वे शिव आसरा नाम की स्वयंसेवी संस्था के भी अध्यक्ष हैं जो समाज में धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में काफी सक्रिय है।