क्षेत्र के विकास के लिए शानदार तरीके से कार्यरत रहते हैं सुनील कुमार सिंह

क्षेत्र के विकास के लिए शानदार तरीके से कार्यरत रहते हैं सुनील कुमार सिंह

क्षेत्र के विकास के लिए शानदार तरीके से कार्यरत रहते हैं सुनील कुमार सिंह

चतरा से लगातार दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने गये सुनील कुमार सिंह की छवि एक ऐसे राजनेता की है जिन्होंने साबित कर दिखाया है कि जनसमर्थन हासिल करने का सबसे बढ़िया फॉर्मूला विकास ही है। झारखंड जैसे जाति-प्रधान राज्य के एक ऐसे लोकसभा क्षेत्र में उन्होंने अपना जनाधार बढ़ाया है जहां उनकी जाति के वोटर गिनती के हैं। 10 जनवरी, 1062 को बिहार के पटना में जन्मे सुनील कुमार सिंह पेशे से व्यापारी हैं। उन्होंने मार्केटिंग में एमबीए और समाजशास्त्र में एमए की पढ़ाई की है और भारतीय जनता पार्टी के कई अहम पदों पर रहे हैं। 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता लेकर छात्र आंदोलन में कूदे और खासे सक्रिय रहे। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। 1995 से 2002 तक भाजयुमो की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे हैं। वर्ष 1987 से 2000 तक वे भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे और 1996 में वह भाजयुमो, बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। वर्ष 1998 से 2000 तक वह बिहार भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री रहे और इसके बाद 2002 में वह भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री व 2004 में झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बने। वर्ष 2005 से 2007 तक झारखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे। वर्ष 2011 से 2013 तक उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति मे शामिल किया गया और इस दौरान उन्होंने बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में अहम जिम्मेदारियां निभायीं। सुनील कुमार सिंह भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नयी दिल्ली के आजीवन सदस्य हैं और साथ ही इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के भी सदस्य हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिये उन्होंने झारखंड में दामोदर स्वर्णरेखा एवं अन्य प्रमुख नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने के लिये काफी कार्य किया है। बतौर सांसद सुनील कुमार सिंह ने अपनी कर्मभूमि चतरा के ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों जैसे इटखोरी, कौलेश्वरी एवं नगर में महोत्सवों की शुरुआत कर इन्हें पर्यटन के मानचित्र पर एक नया आयाम दिया है। उन्होंने वर्ष 2014 में 1,78,026 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी धीरज साहू को पराजित तिया था जबकि वर्ष 2019 में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मनोज यादव को करीब 3 लाख 78 मतों के अंतर से हराया।  17वीं लोकसभा में पहले दो सत्रों में ही उन्होंने 11 बहसों में सक्रिय भागीदारी की और स्वास्थ्य, आदिवासी कल्याण, कृषकों और युवाओं के कल्याण, पर्यटन, संचार, रेलवे आदि से संबंधित 83 प्रश्न पूछे। उन्होंने बड़ी सरकारी परियोजनाओं को पूरा करने की समय-सीमा तय करने, जनसंख्या नियंत्रण, प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितो की मदद और नदियों के संरक्षण संबंधी चार प्राइवेट मेंबर बिल लाकर खासी प्रशंसा अर्जित की है। उन्हें प्रतिष्ठित प्रिविलेज कमेटि का अध्यक्ष तथा कोयला व इस्पात मामलों की स्टैंडिंग कमेटि का सदस्य बनाया गया है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सुनील कुमार सिंह राजनीति के साथ-साथ शिक्षा, साहित्य, धर्म, कला, संस्कृति, कृषि एवं ग्रामोद्योग के साथ-साथ यात्रा, प्रकृति एवं पर्यावरण से जुड़े विषयों में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने मॉरीशस और अमेरिका आदि देशों की यात्राएं की हैं।