श्रेष्ठ सांसदजनता ने सात बार चुनकर जिन्हे लोकसभा में भेजा - कोडिकुन्निल सुरेश

श्रेष्ठ सांसदजनता ने सात बार चुनकर जिन्हे लोकसभा में भेजा - कोडिकुन्निल सुरेश

श्रेष्ठ सांसदजनता ने सात बार चुनकर जिन्हे लोकसभा में भेजा - कोडिकुन्निल सुरेश

दक्षिण भारत के एक ऐसे करिश्माई राजनेता जिसे जनता ने सात बार चुनकर लोकसभा में भेजा हो, लेकिन उत्तर भारत में जिनकी बहुत चर्चा भी न हो। एक सौम्य और राजनीति के हर फन में माहिर राजनेता कोडिकुन्निल सुरेश अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के सचिव भी हैं।कोडिकुन्निल सुरेश का जन्म 4 जून 1962 को एक गरीब परिवार में तिरुवनंतपुरम जिले के कोडिक्कुन्इल में हुआ था, उनके माता और पिता का नाम कुंजन और थैंकम्मा है। सुरेश उनकी सबसे छोटी संतान हैं। संघर्ष और कठिन हालात में उन्होंने स्नातक किया और केरला लॉ एकेडमी लॉ कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से एलएलबी की परीक्षा पास की। कोडिकुन्निल सुरेश ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत 1989 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 9वीं लोकसभा के लिये चुने जाने के साथ की थी। उसके बाद 1991 में 10वीं, 1996 में 11वीं, 1999 में 13वीं लोकसभा के चुनावों में वो अदूर सीट से चुने गये। 2004 में यह सीट गंवाने के बाद उन्होंने उन्होंने मावेलिक्कारा पर अपना ध्यान केंद्रित किया और वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के लिये दोबारा चुने गये। सुरेश राहुल गांधी के काफी करीबी रहे हैं और मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार में श्रम मंत्रालय में मंत्री भी रहे। वर्ष 2014 और 2019 के आम चुनावों में देश भर में भाजपा की लहर होने के बावजूद उन्हें क्रमशः 16वीं व 17वीं लोकसभा के लिये जोरदार जीत हासिल हुई। केरल से आने के बावजूद ने अपनी मातृ भाषा मलयालम या अंग्रेजी में शपथ न लेकर हिन्दी में शपथ लेकर अपने सहयोगियों तक को आश्चर्यचकित कर दिया। हिन्दी को लेकर ये उनका लगाव ही कहा जायेगा।  सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ में काफी सक्रिय हैं। आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों का कल्याण, पिछड़े वर्गों के लिए चिकित्सा शिविरों का आयोजन, बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरी मेला का आयोजन और नेत्र शिविर आयोजित करना उनकी कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें वे उपलब्धि भी नहीं मानते। खेल व फिटनेस के लिये उन्होंने युवा क्लब, स्पोर्ट्स क्लब और नाव क्लबों आदि की स्थापना की है जिसके माध्यम से नौका दौड़ का आयोजन हर वर्ष होता है। इसके अलावा पढ़ना और लोगों के बीच जाकर उनसे मिलना और काम करना भी उनके पसंदीदा कामों में शुमार है। कोडिकुन्निल सुरेश कर्मचारी संघ व केरल छात्र संघ त्रिवेंद्रम शहर समिति के अध्यक्ष, एलआईसी कर्मचारी कांग्रेस, त्रिवेंद्रम मंडल के उपराष्ट्रपति, केरल छात्र संघ, राज्य समिति, महासचिव, केरल छात्र संघ, अध्यक्ष डॉ अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, त्रिवेंद्रम, सदस्य केन्द्रीय मत्स्य बोर्ड, दूरसंचार सलाहकार समिति, केरल सर्कल, संयोजक, उपाध्यक्ष, नेहरू युवा केंद्र संगठन, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सचिव, केरल प्रदेश कांग्रेस समिति और अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव और कई ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारी रह चुके हैं। 17वीं लोकसभा में कोडिकुन्निल सुरेश ने 35 बहसों में हिस्सा लिया और उनके माध्यम से 70 प्रश्न सदन के पटल पर रखे गये जिनमें सीबीआई जांच, सबरीमला के विकास का मुद्दा, जंगलों की घटती संख्या, संविधान में संशोधन, जम्मू-कश्मीर, टैक्स और टेलीकम्युनिकेशन आदि शामिल हैं। उन्होंने एक प्राइवेट बिल पटल पर रखा है और संसद के पहले दोनों सत्रों के दौरान सदन में उनकी कुल उपस्थिति 98% रही।