जागरूक - जल संसाधन और पर्यावरण के विशेषज्ञ हैं उपेंद्र प्रसाद सिंह

जागरूक - जल संसाधन और पर्यावरण के विशेषज्ञ हैं उपेंद्र प्रसाद सिंह

जागरूक - जल संसाधन और पर्यावरण के विशेषज्ञ हैं उपेंद्र प्रसाद सिंह

उपेंद्र प्रसाद सिंह का नाम आजकल हर तरफ चर्चा में है क्योंकि उन्हे जल बचाने की जिम्मेदारी दी गई है , कहा जाता है कि "जल बिन सब सून" और इस बारे में सोचने और बचाने की मुहिम की यू पी सिंह को सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई  है। बिहार के एक छोटे से गांव गोविंदपुर के  किसान मजदूर परिवार में जन्मे उपेंद्र प्रसाद सिंह बचपन से ही मेधावी रहे हैं । आभावग्रस्त बचपन उनके इरादों को नहीं रोक पाया ।  खेत खलिहान से समय निकलने पर पढ़ाई करने के बावजूद उन्होंने मैट्रिकुलेशन की बोर्ड परीक्षा  में पूरे राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया । पटना सांइस कालेज के बाद वे उन्होंने आईआईटी जैसी कठीन परीक्षा पास कर आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की । उस समय आईआईटी पास करने वालों का ध्येय अमेरिका होता था , परन्तु इन्होने युवा अवस्था से ही साधारण लोगों के लिए कुछ करने का प्रण कर रखा था ।लोक सेवा में आने की भावना से सिविल सर्विस के लिए प्रयास शुरू किया। उनका चयन करीब 34 वर्ष पहले यूपीएससी के लिए हुआ और आज उनकी पहचान देश के वरिष्ठ और  कर्त्तव्यनिष्ठ ब्यूरोक्रेट के रूप में है ।  ये 1985 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी है।  उपेंद्र प्रसाद सिंह को हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा मिजो भाषा की भी अच्छी जानकारी है। स्वभाव से विन्रम और व्यवहारिक व्यक्ति के तौर पर उपेंद्र प्रसाद सिंह अपने मातहतों के बीच काफी लोकप्रिय है । पर्यावरण , जल और उससे जुड़े मामलों में जानकारी के मामले में उनका कोई सानी नहीं है। उन्होंने ओडिशा सरकार में प्रमुख सचिव जल संसाधन के रूप में लंबे समय तक काम किया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से पहले  वे ओडिशा सरकार में प्रधान सचिव कृषि थे।  उपेंद्र प्रसाद सिंह को 21 नवंबर, 2016 को भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के पद पर स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन में महानिदेशक के रूप में नामित किया गया था । उन्होंने वहां अपनी शानदार गवर्नेंस , उत्कृष्ट सोच का परिचय दिया । वे जहां भी रहे अपने दूरदर्शिता के लिए जाने जाते रहे ।  इसके अलावा उपेंद्र सिंह इस्पात मंत्रालय में भी पदस्थापित थे । पेट्रोलियम मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम ऑयल इंडिया लिमिटेड के एमडी के रूप में भी उन्होंने कार्य किया है। मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्स में स्थानांतरित होने से पहले, यूपी सिंह मिनिस्ट्री ऑफ पावर एंड गैस में संयुक्त सचिव और फिर अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे । उन्होने हर पद पर अपने कार्य की दक्षता सिद्ध की है । इस वर्ष जून में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा के कायाकल्प करने का जिम्मा उन्हें सचिव के तौर पर दिया गया है ।  जो वर्तमान सरकार और प्रधानमंत्री की सबसे महत्वाकांक्षी योजना में एक है ।

शानदार गवर्नेंस , दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच ,जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता,  गंभीरता और व्यवहार कुशलता जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2019 में यू पी सिंह  प्रमुख स्थान पर हैं ।