आदर्श छवि के आईपीएस है एनएसजी के महानिदेशक अनुप कुमार सिंह
आदर्श छवि के आईपीएस है एनएसजी के महानिदेशक अनुप कुमार सिंह
देश के सबसे हाई प्रोफाइल सुरक्षा गार्ड एनएसजी के बारे में भला कौन नहीं जानता? वीवीआईपी सुरक्षा हो या मुश्किल आतंकी हमला , इस सुपर फोर्स एनएसजी कमांडो अर्थात ब्लैक कैट ने अपनी काबिलियत हर जगह साबित की है। इस गौरवशाली कंटिंजेंट फोर्स के डायरेक्टर जेनरल हैं अनूप कुमार। अनुप कुमार सिंह एक ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें एक आदर्श आईपीएस के तौर पर पहचाना जाता है। 4 सितंबर 1960 को एक संभ्रांत परिवार में जन्मे अनूप कुमार सिंह का परिवार मूलतः बिहार का रहने वाला है। बचपन से ही पढ़ने में तेज रहे अनूप ने इंटरमीडियेट की परीक्षा पास करते ही प्रतिष्ठित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मेसरा की प्रवेश परीक्षा क्वालिफाई कर ली और उन्हें मैकेनिकल ट्रेड मिला । उन्होंने बीएससी (मैकेनिकल) अच्छे अंकों से पास की। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के जरिये वर्ष 1985 में वे भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए। उन्हें गुजरात कैडर मिला , जहां उन्होंने आदर्श और पराक्रम के साथ अपने कर्त्तव्य को निभाया है । गुजरात में एके सिंह की पहचान एक बेहद ईमानदार, योजनाकार और मिलनसार अधिकारी की रही है। वे तड़क-भड़क और पब्लिसिटी से दूर रहने वाले आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं । उन्हें हमेशा एक ऐसा ऑफिसर माना जाता है जो सजगता और दूरदर्शिता से ड्यूटी निभाते हैं ।उनके बारे में पुलिस में आम धारणा रही है कि वे स्पष्ट और ईमानदार पुलिसिंग की मिसाल है। एके सिंह अपनी इन खासियतों के साथ ही विनम्र स्वभाव के हैं। गुजरात में विभिन्न जिलों और पदों पर पोस्टिंग के दौरान उन्होंने क्राइम कंट्रोल और प्रो पीपुल्स पुलिसिंग के लिए बेहतरीन प्रयास किए । जिसके कारण अपराधी उनके नाम से थर्राते रहे तो जनता के मन में कानून का विश्वास बना रहा । वर्ष 1993 में वडोदरा के डीसीपी रहने के दौरान वहां के दुर्नाम गैंगस्टर राजू रसीलदार को इनके ही नेतृत्व में एनकाउंटर में मार गिराया गया । एसपी के पद पर हों या पुलिस कमिश्नर के पद पर, उनकी छवि हमेशा जनता के मित्र की रही है। लाव लश्कर से दूर समान्य जीवनशैली जीने वाले अनुप कुमार सिंह आम लोगों से मिल-जुल कर उनकी समस्याएं जानने और उसके त्वरित निराकरण के लिए भी प्रसिद्ध रहे हैं । गुजरात सेवा के आईपीएस अधिकारीयों के लिए अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर के पद पर पोस्टिंग बेहद जिम्मेदारी भरा माना जाता है । एके सिंह को उनकी कर्मठ छवि के कारण ही यह जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने खुद को साबित भी किया। उन्होंने न सिर्फ जनता का कानून में विश्वास बढ़ाया बल्कि पुलिसकर्मियों का भी हौसला बढ़ाने में कोई कोर कसर न रखी। उन्हें एक बढ़िया टीम लीडर माना जाता है। वे लगभग तीन साल तक अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर पद पर रहे। पूर्ववर्ती पोस्टिंग्स में वे गुजरात पुलिस की तकनीकी सेवाओं के एडीजी पद पर तैनात रहे। उसके पूर्व वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सुरक्षा में शामिल रहे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के आईजी भी रहे हैं। वर्ष 2009 में अनुप कुमार सिंह को विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। मेधावी सेवाओं के लिये पुलिस पदक उन्हें वर्ष 2000 में मिल चुका है।
फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में नैशनल सिक्योरिटी गार्ड के पुलिस महानिदेशक अनूप कुमार सिंह को आदर्श श्रेणी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।