सौम्य स्वभाव वाले शख्सियत के रूप में जाने जाते हैं वरिष्ठ आईपीएस डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी
सौम्य स्वभाव वाले शख्सियत के रूप में जाने जाते हैं वरिष्ठ आईपीएस डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी
भारत के सबसे बड़े पैरा मिलिट्री फोर्स सीआरपीएफ के प्रमुख के तौर पर नियुक्त एपी महेश्वरी की शख्सियत किसी को भी प्रभावित कर सकती है । डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी का पुलिस महकमे में खासा सम्मान है । वे उन आईपीएस अधिकारियों में से हैं जो पुलिसिंग की नयी परिभाषा गढ़ने का माद्दा रखते हैं और हर कदम पर मानवीय मूल्यों को साथ रखते हैं। 24 फरवरी 1961 को एक संभ्रांत परिवार में जन्मे आनंद प्रकाश माहेशवरी का परिवार मूल रूप से राजस्थान की राजधानी जयपुर का रहने वाला है। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री ली। उन्होंने पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री भी हासिल की । वे कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंट में इंटरमीडियेट डिग्री व कंप्युटर शिक्षा में डिप्लोमा भी हैं। वर्ष 1984 में आईपीएस में चयन हुआ और यूपी कैडर मिला। पुलिस सेवा के शुरुआती दिनों में वे बतौर एसपी मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज (तब इलाहाबाद) और गोरखपुर आदि महत्त्वपूर्ण जिलों की कमान संभाल चुके हैं। उन्हें एक सुशिक्षित सौम्य किंतु बेहद सख्त ऑफिसर माना जाता था। अपराध और सांप्रदायिक दंगों पर नियंत्रण पाने में उन्हें महारथ हासिल है। उन्होंने ‘सांप्रदायिक दंगों के प्रबंधन’ विषय पर अभिनव शोध करते हुए पीएचडी की उपाधि पाई है। उनकी क्षमताओं को देख कर पूरे उत्तर प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर और खुफिया विभाग की कमान भी उन्हें सोंपी गई थी। वे प्रदेश के इंटेलिजेंस, सिक्योरिटी, आर्थिक अपराध, सीआईडी, ट्रेनिंग और मानवाधिकार आदि डिवीजनों के भी प्रमुख रह चुके हैं। पैरा मिलिट्री यानी अर्ध सैनिक बलों से उनका कुछ खास ही लगाव रहा। वे इससे पहले भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल यीनी बीएसएफ में लगभग 12 साल का लंबा वक्त बिता चुके हैं। उन्होंने सीआरपीएफ की पोस्टिंग में असम, कश्मीर घाटी, और दक्षिण भारत के नक्सल प्रभावित इलाकों में कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया है। बतौर एडीजी वे बीएसएफ और इसकी ट्रेनिंग अकादमी का कार्यभार भी देख चुके हैं। वे नयी दिल्ली स्थित पुलिस रिसर्च ब्युरो के डीजी भी रहे हैं। सीआरपीएफ के डीजी बनने से पहले वे भारत सरकार के होम मिनिस्ट्री में इंटरनल सिक्योरिटी के लिये स्पेशल सेक्रेटरी थे। डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी अपने अनुभवों के आधार पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में रचनात्मक लेखन करते रहे हैं। डॉ. माहेश्वरी की अभी तक नौ किताबें और 40 से ज्यादा आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। अपने लेखन के लिए उन्हें ‘गोविंद बल्लभ पंत’ पुरस्कार भी मिला है। एक कर्मठ और बहादुर पुलिस अधिकारी के तौर पर उन्हें कई मेडल्स मिल चुके हैं। अपनी अति विशिष्ट सेवाओं के लिये उन्हें राष्ट्रपति पदक, वीरता एवं कठिन सेवाओं हेतु अनेक पुलिस पदकों से नवाजा जा चुका है। वे वर्ष 2006 में पुलिस मेडल, वर्ष 2009 में वीरता पदक, वर्ष 2012 में मेधावी सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पदक, वर्ष 2004 में स्पेशल ड्यूटी मेडल और वर्ष 2009 में आंतरिक सुरक्षा सेवा मेडल हासिल कर चुके हैं। वे समाजशास्त्र में पीएचडी और एमबीए तो हैं ही, उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, नेशनल पुलिस अकादमी, आईआईएम, आईआईटीए, एफआईसीआई और सीबीआई जैसे शीर्ष संस्थानों से उच्च प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं।
फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में सीआरपीएफ के डायरेक्टर जेनरल आनंद प्रकाश माहेश्वरी को शख्सियत श्रेणी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।