व्यवहार कुशलता से परिपूर्ण हैं कर्मयोद्धा आईपीएस अधिकारी अनुज शर्मा

व्यवहार कुशलता से परिपूर्ण हैं कर्मयोद्धा आईपीएस अधिकारी अनुज शर्मा

व्यवहार कुशलता से परिपूर्ण हैं कर्मयोद्धा आईपीएस अधिकारी अनुज शर्मा

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के पुलिस आयुक्त  अनुज शर्मा की पहचान एक कर्मयोद्धा आईपीएस अधिकारी के तौर पर है ।  वे नरम स्वभाव परन्तु बेहतर प्रशासनिक क्षमताओं के कारण जाने जाते है। हर आम और खास को आसानी से उपलब्ध अनुज शर्मा की कार्यशैली में मुश्किल से मुश्किल समय में त्वरित  निर्णय लेने की क्षमता शामिल है।  उन्होंने अब तक के करियर में  व्यवहार कुशलता और प्रो पीपुल्स पुलिसिंग की छाप छोड़ी है । अनुज शर्मा, कोलकाता के 40वें पुलिस कमिश्नर हैं। 27 मार्च 1968 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक कुलीन परिवार में जन्मे अनुज ने 12वीं तक की पढ़ाई लखनऊ के प्रतिष्ठित ला मार्टिनियर कॉलेज से की। लखनऊ विश्वविद्यालय से वर्ष 1987 में बीए की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने वर्ष 1989 में अर्थशास्त्र से एमए किया है। वर्ष 1991 में यूपीएससी की परीक्षा में आईपीएस सेवा के लिये चयनित होने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर मिला। अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और विवेक के दम पर अनुज शर्मा शुरुआत से ही पश्चिम बंगाल के  योग्य और कर्मठ आईपीएस अधिकारियों में शुमार हो गये। वे पश्चिम बंगाल के कई जिलों में पुलिस कप्तान रह चुके हैं और वहां उनकी छवि आज भी एक सहृदय कर्मयोद्धा आफिसर के तौर पर कायम है। बतौर डीआईजी अनुज शर्मा जून 2006 से लगभग दो वर्षों तक बर्दवान रेंज की कमान संभाल चुके हैं ।  जुलाई 2008 में एक वर्ष के लिए उन्हें पुलिस मुख्यालय में नियुक्ति दी गई।  अगस्त 2009 से करीब दो वर्षों तक वे क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट यानी सीआईडी की कमान संभाल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने राज्य के कई गंभीर मामलों का रहस्योद्घाटन किया। जुलाई 2011 में अनुज शर्मा का प्रमोशन आईजी रैंक में हुआ और उन्हें पश्चिम बंगाल के तटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी। पश्चिम बंगाल का समुद्र तट काफी संवेदनशील माना जाता रहा है । अनुज शर्मा ने पोस्टिंग के साथ ही कोस्टल एरिया की सिक्योरिटी दुरुस्त की। जून 2012 में उन्हें उत्तर बंगाल की कमान सौंपी गयी। उन दिनों वहां गोरखा आंदोलन जोरों पर था। उन्होंने दार्जीलिंग और इसके आस-पास फैले इलाकों में आंदोलन को शांत करने में अहम भूमिका निभायी। मई 2013 से जनवरी 2016 तक उन्हें राज्य में आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) बनाया गया। फरवरी 2016 में उनका प्रमोशन एडिशनल डायरेक्टर जेनरल यानी एडीजी के तौर पर हुआ और उसके बाद के करीब तीन वर्ष, फरवरी 2019 तक पश्चिम बंगाल के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) की जिम्मेदारी इनके उपर ही रही । 19 फरवरी से वे कोलकाता के पुलिस कमिश्नर हैं। कोलकाता देश के पुराने मेट्रोपोलिटन सिटी के तौर पर जाना जाता है ‌। इसको अपराधमुक्त और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी वर्तमान में अनुज शर्मा के जिम्मे है । वे पुलिस प्रमुख के रूप में क्राईम कंट्रोल, लॉ एंड आर्डर में सुधार के साथ ही पीपुल्स फ्रेंडली पुलिसिंग को शहर में लागू करवाने में सफल रहें हैं । कोलकाता के पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं सहित आम जनता में इनकी अच्छी छवि है।‌ अनुज शर्मा को पुलिस सेवा में उनकी दक्षता और कर्मठता के लिये कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। वर्ष 2007 में उन्हें मेधावी सेवाओं के लिये पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था । अनुज शर्मा वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री पदक से भी सम्मानित किए गए।  वर्ष 2016 में उन्हें विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिला । उन्होंने सेवा के दौरान एमबीए की डिग्री भी हासिल की है। 

 फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों पर किये गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा, कर्मयोद्धा श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।