एक नाम नहीं, आधुनिक पत्रकारिता की पूरी कहानी हैं अरुण पुरी
एक नाम नहीं, आधुनिक पत्रकारिता की पूरी कहानी हैं अरुण पुरी
इंडिया टुडे ग्रुप एक ऐसा मीडिया समूह है जिसे नंबर-2 की पोजीशन से नफरत है। टीवी हो या प्रिंट या फिर वेब मीडिया, इस समूह का कोई भी वेंचर हमेशा नंबर -1 के स्थान पर रहता आया है और अगर कुछ समय के लिये पिछड़ा भी तो कड़ी मेहनत और सूझ-बूझ के दम पर वापस पहले नंबर पर आ जाता है। इस सब का श्रेय अगर किसी एक शख्स को दिया जा सकता है तो वह हैं खुद अरुण पुरी जो ग्रुप के चेयरमैन और कुछ कंपनियों में मैनेजिग डायरेक्टर व सीईओ हैं।
अविभाजित भारत के लाहौर में 1944 में जन्मे अरुण पुरी के पिता विद्या विकास पुरी आजादी के वक्त दिल्ली आये और फायनैंस के कारोबार में काफी सफल रहे। अरुण पुरी की शिक्षा-दीक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल में हुई और 1965 में दुनिया भर में मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रैजुएशन किया। उन्हें ब्रिटिश चार्टर्ड अकाउंटेंट इंस्टीट्यूट की फेलोशिप भी हासिल है। 1970 में उन्होंने थॉमसन प्रेस में प्रोडक्शन कंट्रोलर के पद से अपना कॅरीयर शुरु किया, लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी।
पिता विद्या विकास पुरी व बहन मधु (त्रेहन) के साथ मिल कर 1975 में इंडिया टुडे नाम की पाक्षिक पत्रिका की शुरुआत की। उन दिनों देश में इमरजेंसी का दौर था और सूचना का नितांत अभाव था। अरुण पुरी ने इस पत्रिका के जरिये देश वासियों तथा विदेश में रह रहे भारतीयों को जो खबरें नहीं मिल रही थीं, उन्हें निष्पक्षता से सरल भाषा में देने की कोशिश की। पत्रिका की खास बात यह थी कि इसमें प्रस्तुत हर विचार के साथ कोई रेफरेंस या बयान जरूर रहता था। आधुनिक पत्रकारिता का ये बिल्कुल नया प्रयोग था और नतीजा ये निकला कि कुछ ही दिनों में इसकी लोकप्रियता आसमान चढ़ गयी। जल्दी ही इंडिया टुडे छह भाषाओं में प्रकाशित होने लगा और देश का सबसे लोकप्रिय मैगजीन बन गया। इंडिया टुडे की सफलता के बाद इसी ग्रुप के बैनर तले अरुण पुरी ने एक के बाद एक कई नये वेंचर शुरु किये। आज इस ग्रुप के पास 32 मैगजीन्स, 7 रेडियो स्टेशन, 4 टीवी चैनल, एक डेली अखबार, कई वेब पोर्टल्स, क्लासिक म्युजिक की एक कंपनी और पुस्तकें प्रकाशित करने का भी एक डिवीजन भी है। बिजनेस टुडे, कॉस्मोपॉलिटन, रीडर्स डाइजेस्ट, डिजाइन टुडे आदि कई मैगजीन्स अपने-अपने सेगमेंट में अग्रणी हैं। मशहूर हिन्दी न्यूज चैनल आजतक हमेशा ही निर्विवाद रूप से सबसे तेज और नंबर वन चैनल रहता आया है। इनके अलावे लल्लन टॉप और आई चौक जैसे वेब पोर्टल्स ने भी धमाल मचा रखा है। उन्होंने उस थॉमसन प्रेस को भी खरीद लिया जिसमें कभी वे काम करने आये थे। अरुण पुरी को देश के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। पत्रकारिता में भी उन्हें बीडी गोयनका अवॉर्ड, जर्नलिस्ट ऑफ द इयर अवॉर्ड, जीके रेड्डी मेमोरियल अवॉर्ड, आईटीए स्क्रॉल ऑफ ऑनर, हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। वे ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन के अध्यक्ष रह चुके हैं और एडीटर्स गिल्ड, आईमा व सीआईआई जैसी कई संस्थाओं के सदस्य हैं। वे प्रकाशकों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था फेडरेशन ऑफ इंटरनैशनल पीरियोडिकल्स एंड पब्लिकेशंस (एफआईपीपी) के पहले भारतीय अध्यक्ष हैं और ग्लोबल एडीटर्स नेटवर्क के बोर्ड मेंबर भी हैं। फेम इंडिया-एशिया पोस्ट मीडिया सर्वे 2018 में अरुण पुरी को मीडिया के एक प्रमुख सरताज के तौर पर पाया गया है।