दमदार कार्ययोजना वाले असरदार आईपीएस - समंत कुमार गोयल

दमदार कार्ययोजना वाले असरदार आईपीएस - समंत कुमार गोयल

दमदार कार्ययोजना वाले असरदार आईपीएस - समंत कुमार गोयल

भारत की सबसे प्रमुख खुफिया एजेंसियों में से एक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के चीफ सामंत कुमार गोयल को देश के सबसे असरदार आईपीएस में एक माना जाता है। आतंकवाद और देश-विरोधी तत्वों को जड़ से खत्म करने के मिशन में वर्षों से जुटे इस जांबाज अधिकारी ने न सिर्फ मध्य एशिया और युरोप से भारत के दुश्मनों का खात्मा किया बल्कि पड़ोसी शत्रुओं  के भी छक्के छुड़ाने में इनकी अहम भूमिका रही है। 13 जून 1960 को सामंत कुमार गोयल का जन्म मूल रूप से पंजाब में हुआ। वे पढ़ने में बेहद तेज थे । उन्होंने बीकॉम, एलएलबी और चार्टर्ड अकाउंटेंसी का इंटरमीडियट कोर्स पूरा किया । मात्र 24 साल की उम्र में वे  1984 में आईपीएस अधिकारी बने और अपने करियर की शुरुआत होशियारपुर जिले के गढ़शंकर में एएसपी के रूप में की। वे पंजाब के कई महत्त्वपूर्ण और सीमावर्ती जिलों में बतौर एसपी और एसएसपी तैनात रह चुके हैं। बाटला, फिरोजपुर, गुरूदासपुर और अमृतसर आदि जिलों के पुराने बाशिंदे आज भी उनके कार्यकाल को याद करते हैं। 1990 के दशक में जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था, तब उन्हें आतंकियों का काल माना जाता था। उनकी वीरता के कई किस्से मशहूर हैं और प्रदेश को कट्टरवाद से छुटकारा दिलाने वाले प्रमुख ऑफिसरों में उनकी गिनती की जाती है। उन्हें वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री की सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी भी सौंपी गयी थी। वर्ष 2001 में सामंत कुमार गोयल भारत की बाह्य खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े तो वहां उनकी सूझ-बूझ और विश्लेषण करने की क्षमता के सभी कायल हो गये। वे एक तरह से एजेंसी की जरूरत बन गये और तब से लगभग बीस वर्षों से वहीं डेप्युटेशन पर है और वर्तमान में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के चीफ हैं । उनकी बुद्धिमता व बहादुरी का इस्तेमाल सरकार ने बखूबी किया। रॉ के साथ उनका कार्यकाल किसी अंग्रेजी जासूसी फिल्म की कहानी से कम नहीं। कहते हैं अरब देशों और दुबई में कभी बुरी तरह फैले रहे भारत विरोधी मिशनों को उन्होंने अपनी सूझ-बूझ से देश के पक्ष में मोड़ लिया। ब्रिटेन और युरोप के अन्य देशों में अजगर की तरह फैले खालिस्तान मूवमेंट को उन्होंने पूरी तरह मिटा कर रख दिया। उन्होंने वहां के सिख संगठनों से मेल-जोल बढ़ा कर उन्हें समझाया और उन्हें सकारात्मक रूप दिया।  सामंत कुमार गोयल को पाकिस्‍तान संबंधी मामलों की अच्‍छी-खासी समझ है। जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों पर इनकी पैनी नजर है और उन्हें किस तरह रोका जाये इसका समाधान वे समस्या आने से पहले ही कर लेते हैं। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2019 में जब पुलवामा हमले की जवाबी र्कारवाई के तौर पर भारत ने बालाकोट एयर-स्ट्राइक किया तो उसकी बेजोड़ प्लानिंग में उनकी अहम भूमिका थी। उनकी पाकिस्तानी क्षेत्र में कौन से संगठन के आतंकी कब और कहां छिपे हैं इसकी सटीक जानकारी बहुत काम आयी। सामंत कुमार गोयल को वर्ष 1995 में वीरता के लिये गैलेंट्री अवॉर्ड और वर्ष 2000 में सराहनीय कार्यों के लिए पुलिस मेडल भी मिल चुके हैं। 

फेम इंडिया मैगजीन - एशिया पोस्ट सर्वे के 12 मापदंडों  पर किए गये "25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020" के वार्षिक सर्वे में पंजाब कैडर के आईपीएस व रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल, असरदार श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।