इच्छाशक्ति के बल पर प्रशासनिक सेवा को करियर बनाया अभिषेक कुमार तिवारी ने
बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत दे रहे हैं रोजगार
टेक्नोक्रेट से आईएएस बनने वाले , असाधारण प्रतिभा के धनी अभिषेक कुमार तिवारी की पहचान गंभीरता के साथ काम करने वाले जिलाधिकारी की है | वर्तमान में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के कलेक्टर अभिषेक कुमार आम लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की कला में माहिर माने जाते हैं।
बिहार के आरा के रहने वाले अभिषेक कुमार तिवारी का जन्म 19 अप्रैल 1984 को हुआ। कुशाग्र छात्र रहे अभिषेक ने शुरुआती पढ़ाई आरा के संत जेवियर्स और वाराणसी के सनबीम इंग्लिश स्कूल से की। सेंट्रल हिंदू स्कूल वाराणसी से सीनियर सेंकेड्री की परीक्षा अव्वल नंबरों से पास करने के बाद उन्होंने 2002 -2006 बैच में आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। उन्होंने बतौर इलेक्ट्रॉनिक डिजाइनर, ऑटोमेशन इंडस्ट्रीज में नोएडा व बंगलुरु में नौकरी भी की। सब कुछ बेहतरीन तरीके चल रहा था। अचानक उनके मन में ख्याल आया कि इस नौकरी से उनकी क्या पहचान होगी? यह सोच कर प्रशासनिक सेवा द्वारा आम लोगों के लिए बेहतर करने की मंशा के साथ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहली बार में ही वे यूपीएससी 2012 बैच में बेहतर रैंकिंग से कम्पीट कर गए और उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर मिला |
जुलाई 2013 में अभिषेक तिवारी को कूच बिहार का असिस्टेंट कलेक्टर बनाया गया। एक साल बाद यानी सितंबर 2014 में उन्होंने पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में बतौर एसडीएम ज्वाइन किया। इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक सुधार को तरजीह दी और नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीणों की समस्या के समाधान के मद्देनजर लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया। 2016 में उनका ट्रांसफर ज्वांइट सेक्रेटरी के तौर पर सीएम ऑफिस में हुआ। जून 2018 में उन्हें हावड़ा में का एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनाया गया।
जून 2019 में अभिषेक तिवारी को जलपाईगुड़ी जिले का कलेक्टर बनाया गया। जिले की कमान संभालने के साथ ही उन्होंने गरीब, मजदूर की आर्थिक मजबूती के लिए मनरेगा को बढ़ावा दे कर उसमें गरीबों की भागीदारी सुनिश्चित की। मजदूरी का पैसा सीधे मजदूरों के अकाउंट में जाए, इस पर उन्होंने खासा ध्यान दिया। उन्होंने जिले में पर्यावरण सुरक्षा और स्वच्छता के लिये वृक्षारोपण पर जोर दिया। अभिषेक तिवारी ने जिले में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से लोगों को जोड़ने काम व्यापक स्तर पर करवाया, ताकि गरीबों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके। उन्होंने जिले में विकास के लेखाजोखा को दुरुस्त करने के लिए हर महीने रिपोर्ट लेने की व्यवस्था सुनिश्चित की। ईमानदारी को अपना दायित्व मानने वाले इस टेक्नोक्रेट का प्रयास अपने कार्य से गरीबों मजदूरों को एक उज्जवल भविष्य की संभावना देना माना जाता है। कोरोना महामारी में प्रवासी मजदूरों की आत्मनिर्भरता के लिए उन्हें मनरेगा से जोड़ रहे हैं, साथ ही जिले में कोरोना को रोकने के लिए सरकारी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करवा रहे हैं।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में जलपाईगुड़ी के जिलाधिकारी अभिषेक कुमार तिवारी 'उज्जवल' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।