विरासत को नयी उँचाइयों तक पहुँचाते आलोक मेहता

विरासत को नयी उँचाइयों तक पहुँचाते आलोक मेहता

आलोक कुमार मेहता समस्तीपुर के उजियारपुर से विधायक हैं और बिहार सकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का ही आलम है कि वे वर्ष 2020 के चुनाव में भी अपनी जीत दर्ज कराने में कामयाब हुए हैं।

आलोक मेहता का जन्म वैशाली जिले के एक राजनीतिक परिवार में 3 नवंबर 1966 को हुआ। उनके पिता तुलसीदास मेहता बिहार के एक जाने-माने समाजवादी राजनेता थे और कई बार विधायक व कई सरकारों में मंत्री रह चुके थे। आलोक मेहता की पढ़ाई-लिखाई वैशाली व बैंगलुरु के रमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में हुई। उन्होंने इंजीनियरिंग में बी-टेक की डिग्री हासिल की है। 

पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने वर्ष 2004 में उजियारपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और सांसद चुने गये। उस दौरान वे प्रआइवेट मेंबर बिल कमेटि, ट्रांस्पोर्ट और टूरिज्म आदि मामलों की संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। बाद में वे राष्ट्रीय जनता दल के संगठनात्मक कार्यों में जुट गये और विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे राजद की युवा इकाई के प्रांतीय और फिर राष्ट्रीय महासचिव बने। राजद के लिए उन्होंने सात राज्यों के प्रभारी के तौर पर भी कार्य किया। वर्ष 2015 में उन्होंने उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीता और जदयु-राजद गठबंधन सरकार में बिहार के सहकारिता मंत्री बने। वर्ष 2017 में गठबंधन टूटने पर उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनका दावा रहा है कि वे अपने क्षेत्र में पूर्ववर्ती विधायकों से कहीं ज्यादा विकास कार्य करवा चुके हैं और ईमानदारी के साथ जनसेवा के लिए प्रयत्नशील हैं। वे राजद के महासचिव भी बने और पार्टी के हित में सख्त कार्रवाई के लिए जाने गये। असेंबली चुनाव के ऐन पहले उन्होंने तीन विद्रोही विधायकों को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए सस्पेंड कर सनसनी फैला दी। 

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने साइकिल से नामांकन भरने पहुँच कर खासी सुर्खियां बटोरीं। उनका कहना था कि जब वो मंत्री बने थे तब अपने क्षेत्र में रेलवे ओवरब्रिज का प्रस्ताव पास करवाया था, लेकिन सरकार बदलते ही उसका कार्य रुक गया जिसके विरोध में वे साइकिल से नामांकन करवाने पहुँचे थे। उन्होंने चुनाव में अपनी सीट पर दोबारा जीत दर्ज की। आलोक मेहता की बहन सुहेली मेहता भी बिहार की राजनीति में काफी सक्रिय हैं, लेकिन वे जदयु में शामिल हैं।

फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंड पर किये गये सर्वे में आलोक कुमार मेहता अनुभवी कैटगरी में प्रमुख स्थान पर है।

सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।