स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा की मिसाल अमिता भूषण
बेगुसराय की तेज-तर्रार कांग्रेसी विधायक अमिता भूषण ने बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनायी है। विपरीत परिस्थितियों और अन्य पार्टियों के लहर के बावजूद उनकी लोकप्रियता अडिग रही है और वे अपनी हार को भी जीत में बदलने की कला जानती हैं।
अमिता भूषण का जन्म बेगुसराय के एक राजनीतिक परिवार में 5 फरवरी 1970 को हुआ। उनकी मां स्वर्गीय चन्द्रभानू देवी बेगूसराय के बलिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतकर लोकसभा सांसद बनी थीं, जबकि दादा स्वर्गीय रामनारायण चौधरी महान स्वतंत्रता सेनानी के अलावे बिहार विधानसभा के प्रथम एवं द्वितीय विधानसभा में विधायक चुने गये थे। उनका परिवार मूल रूप से चेरिया बरियारपुर का रहने वाला है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बेगुसराय में ही हुई। उन्होंने मनोविज्ञान में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की और फैशन डिजाइनिंग की भी ट्रेनिंग ली।
अमिता भूषण का विवाह एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी से हुआ, लेकिन समजसेवा की प्रबल भावना के कारण वे आम लोगों के बीच कार्य करने से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने लोगों के खराब स्वास्थ्य, अशिक्षा, गंदगी आदि समस्याओं से निबटने के लिए एक सामाजिक संस्था सीबीआरकेसी फाउंडेशन का गठन किया। वे समाज के निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच मोतियाबिंद मरीजों का मुफ्त ऑपरेशन आदि के साथ ही कई कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर करती रहती हैं। खास बात ये है कि उन्होंने इन सामाजिक कार्यों के लिए कभी कोई सरकारी मदद नहीं मांगी। वर्ष 2008 में वे कांग्रेस पार्टी में सक्रिय सदस्य के रुप में शामिल हुईं। इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए पार्टी ने 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बेगुसराय से पार्टी का उम्मीदवार बनाया। बेगुसराय को कम्युनिस्टों का गढ़ माना जाता था। इस मिथक का तोड़ते हुए उन्होंने वर्ष 2015 में बिहार की 16वीं विधानसभा में सर्वाधिक मत प्राप्त कर इतिहास रच डाला। उन्हें बेगुसराय विधानसभा क्षेत्र की पहली महिला विधायक बनने का गौरव भी हासिल हुआ। पार्टी ने उन्हें 2014 में प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया। महिला अध्यक्ष के तौर पर त्रिवेणी जैसे कार्यक्रमों और जनआंदोलन के माध्यम से पार्टी को नई पहचान देने का लगातार प्रयास कर रही हैं।
17वीं विधानसभा के चुनाव में हालांकि वे मामूली अंतर से जीत नहीं दर्ज करा पायीं, लेकिन उन्होंने अपने क्षेत्र के जीतने वाले प्रत्याशी के पास जाकर उसे बधाई देने की स्वच्छ लोकतांत्रिक परंपरा की जो मिसाल कायम की उसके लिए मीडिया ने उनकी काफी प्रशंसा की। फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंडों पर किये गये सर्वे में बेगुसराय की विधायक रही अमिता भूषण को योग्य कैटगरी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है।
सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।