जागरूकता और जवाबदेह कार्यशैली की मिसाल हैं विवेक भाटिया

उनके कार्यों की जमकर हो रही है तारीफ

जागरूकता और जवाबदेह कार्यशैली की मिसाल हैं विवेक भाटिया

चंबा के डिप्टी कमिशनर विवेक भाटिया को सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के साथ विकास और जनकल्याण को आगे बढ़ाने के लिये जाना जाता है। वे एक दूरदर्शी, अनुभवी और जिम्मेदार अधिकारी हैं।

मूल-रूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निवासी विवेक भाटिया का जन्म 29 अक्टूबर 1985 को एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। पढ़ने-लिखने में बचपन से ही मेधावी रहे विवेक की स्कूलिंग डीपीएस डलहौजी से हुई। इसके बाद उन्हें वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश के एनआईटी हमीरपुर में दाखिला मिल गया जहां से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया। उन्होंने भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड में बतौर इंजीनियर काम भी किया, लेकिन  पर्वत की ऊंचाइयों के बीच पले-बढ़े इस नौजवान का हौसला कहीं ऊंचा था। उसका लक्ष्य आईएएस बनना था जो उन्होंने कर दिखाया। वर्ष 2011 में जब उनका चयन हुआ तो ऊँची रैंकिंग रहने के कारण होम कैडर यानी हिमाचल प्रदेश मिला। जनवरी 2016 में विवेक की शादी हमीरपुर की ही शिखा शर्मा से हुई। डॉ शिखा चंबा मेडिकल कॉलेज में बतौर सिनियर रेजिडेंट कार्यरत हैं।   

विवेक भाटिया की 2011 में पहली पोस्टिंग राज्य के सिरमौर जिले के सुदूर ब्लॉक शिलाई में हुई, जहां उन्होंने एसी कम बीडीओ के रुप में पद भार ग्रहण किया। इसके बाद जिला किन्नौर के निचार और जिला मंडी में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट रहे। प्रशासनिक कार्यशैली और अनुभव बढ़ने के साथ 2015-16 में उन्हें धर्मशाला का लैंड सेटलमेंट ऑफिसर बनाया गया, जहां उन्होंने भूमि संबंधित रिकॉर्ड और चकबंदी संबंधी निपटारों में  हुई सुधारों को सख्ती से लागू किये। 

वर्ष 2016-17 में विवेक भाटिया को लाहौल और स्पीति का डिप्टी कमिशनर बनाया गया। हिमाचल प्रदेश में भौगोलिक रूप से लाहौल स्पीति बेहद दुर्गम स्थान है।  यह जिला साल के करीब छह महीने बर्फ से ढका रहता है और मुख्य भूमि से कटा रहता है। यहां चुनौतियां अद्वितीय हैं लेकिन इसके बावजूद युवा डीसी विवेक ने इस इलाके के आदिवासी लोगों की बेहतरी के लिए काम किया।

इनके कार्यकाल में कई सुदूर गाँव बड़े बड़े पुलों के माध्यम से मुख्य धारा से जुड़े। इसके बाद उनका ट्रांसफर शिमला हुआ जहां लैंड रिकॉर्ड, फूड एंड सिविल सप्लाईज और ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर पद पर रहे। वर्ष 2018 में उनका ट्रांसफर बतौर डिप्ट्री कमिशनर बिलासपुर हुआ। वहां उन्होंने अपने उत्कृष्ट कार्य-कुशलता से कई परियोजनाओं को बखूबी अंजाम तक पहुंचाया, जिनमें से एम्स, रेलवे लाइन और फोर लेन स्टेट हाइवे उल्लेखनीय हैं। 

विवेक भाटिया को वर्ष 2019 में चंबा जिले की कमान तब सौंपी गयी जब वहां की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। अपनी बेहतरीन कार्य-क्षमता से योजनाओं पर तेजी से कार्य करते हुए महज एक वर्ष में उन्होंने इस जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, कौशल विकास व बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया । स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में कई अहम कार्य हुए, शिक्षा क्षेत्र में भी आर्थिक और ढांचागत सुधार किये गये, जिसमें उनके कार्यों की जमकर तारीफ भी हुई। वर्तमान में कोरोना सकंट से जंग में केंद्र और राज्य की गाइडलाइंस का पालन चंबा में सख्ती से हो रहा है। उनके नेतृत्व में आम लोगों को इस जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। कोरोना काल में वे सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर जागरूकता का लगातार प्रयास कर रहे हैं।

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट का सर्वे  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में "जागरुक" कैटेगरी में विवेक भाटिया श्रेष्ठ जिलाधिकारी के तौर पर पाये गये हैं।