एक सफल अधिकारी की कहानी- हरि नारायण चारी मिश्र इंदौर पुलिस कमिश्नर

एक सफल अधिकारी की कहानी- हरि नारायण चारी मिश्र इंदौर पुलिस कमिश्नर

बिहार के सीवान जिले के छोटे से गांव से इंदौर के कमिश्नर तक सफर तय करने वाले हरिनारायण चारी मिश्र समाज के लिए एक मिसाल हैं जिन्होंने परिस्थितियों से लड़कर ना सिर्फ अपने सपनो को उड़ान दी बल्कि जान समाज के लिए भी बेहतरीन काम किया। हरिनारायण चारी मिश्र 2003 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के IPS अधिकारी हैं। इन्होंने BHU से ही इतिहास विषय में मास्टर की पढ़ाई की। इन्होंने कई महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों को बड़ी ही कुशलता पूर्वक निपटाया है।
हरि नारायण चारी मिश्र एक ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें उनकी समझदारी, सक्रियता और निष्ठा ने इंदौर के लोगों के बीच उन्हें एक लोकप्रिय अधिकारी बनाया है। हरि नारायण चारी मिश्र ने पुलिस सेवा में शुरुआत 2007 में की थी। उन्होंने बहुत ही दृढ़ता से काम किया, जिससे वे इंदौर के लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय हुए। 
हरि नारायण चारी मिश्र ने अपने काम के दौरान अपनी समझदारी और सक्रियता के कारण बहुत सारे कामों को शुरू किया था। उन्होंने शुरुआत में एक नई पहल की शुरुआत की थी जिसके द्वारा वे लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करते थे। इस पहल के तहत, इंदौर में थानों में कई अतिरिक्त सुरक्षा बैठकर शुरू की गई थीं जो उनकी नेतृत्व में थानों में सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती थीं। उन्होंने एक स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य था इंदौर को स्वच्छ और स्वस्थ रखना।
हरि नारायण चारी मिश्र ने अपनी समझदारी का प्रदर्शन नहीं केवल पुलिस विभाग में किया था, बल्कि उन्होंने इंदौर के लोगों के बीच भी इसका प्रदर्शन किया था। उन्होंने लोगों के साथ मीटिंग रखीं, उनसे बातचीत की और उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए उनकी मदद की। इससे लोग उन्हें अपना बनाने लगे थे और उन्हें एक लोकप्रिय अधिकारी के रूप में जाना जाता था।
हरिनारायण चारी मिश्र पहले आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने इंदौर से टीआई (ट्रेनी) के रूप में अपना करियर शुरू किया था और 16 साल बाद उसी शहर के पुलिस आयुक्त बने। खास बात ये है कि वह इंदौर में ही एसडीओपी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डीआईजी और आईजी बनने वाले भी एकमात्र अधिकारी हैं. 2003 बैच के आईपीएस हरिनारायण चारी मिश्र साल 2005 में हातोद थाने के प्रभारी (प्रशिक्षु) के पद पर इंदौर आए थे। प्रशिक्षण पूरा होने पर सरकार ने उन्हें एक साल बाद महू का एसडीओपी नियुक्त किया। इसके बाद वे बालाघाट, खंडवा, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हुए। 5 दिसंबर 2016 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के रूप में इंदौर आए। उन्हें मार्च 2017 में पदोन्नत किया गया और 15 मई 2019 तक शहर में डीआइजी के रूप में कमान संभाली और भू-माफिया, शराब तस्करी, भूमि घोटाला, नशाखोरी जैसे बड़े अभियानों में उन्होंने जिला पुलिस का नेतृत्व किया। हरिनारायण चारी की चलाई गई संजीवनी हेल्पलाइन आम जनता को आत्महत्याओं से रोकने का काम वर्षों से करती आ रही है। गुंडे, बदमाशों की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए मिश्र का ऑपरेशन प्रहार भी काफी लोकप्रिय रहा है। ऑपरेशन चलाकर बदमाशों के अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। इस मॉडल को मध्यप्रदेश के दूसरे शहरों में भी अधिकारियों ने अपनाया। इसके अलावा ड्रग्स माफिया का भी भांडाफोड़ कर करोड़ों रुपए के ड्रग्स अब तक बरामद की जा चुकी है। उसके बाद से नशे के खिलाफ कार्रवाई पूरे मध्यप्रदेश में चलाई गई।
हरि नारायण चारी मिश्र की अनुशासनशीलता को देखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस सेवा में एक उच्च पद में नियुक्त किया है। इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया किया जा चुका है।