बलिदान और त्याग की प्रतीक हिना लिखीराम कावरे

बलिदान और त्याग की प्रतीक हिना लिखीराम कावरे

हिना लिखीराम कावरे नाम है एक ऐसी शख्सियत का जिसे माओवाद के विरुद्ध लोकतंत्र की जीत का प्रतीक माना जाता है। वे अपने बलिदानी पिता की राजनीतिक विरासत के साथ-साथ अपने कार्यों के दम पर रिकॉर्ड जीत हासिल करने वाली अद्भुत राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें मध्य प्रदेश के डिप्टी स्पीकर जैसे गौरवशाली पद पर चुने जाने का सौभाग्य भी हासिल हो चुका है।  
 
हिना कावरे का जन्म 12 नवंबर 1984 को मध्यप्रदेश के बालाघाट स्थित किरणापुर में एक राजनीतिक परिवार में हुआ था। उनके पिता लिखीराम कावरे कांग्रेस के विधायक थे जो दिग्विजय सिंह सरकार में वर्ष 1998 में दोबारा मंत्री बनाये गये। 15 दिसंबर 1999 को माओवादियों ने उनके घर को घेर लिया और उन्हें बाहर निकालकर कुल्हाड़े से काट डाला। तब पूरा प्रदेश हिल गया था। मामला सीबीआई को भी सौंपा गया, लेकिन 16 साल तक हत्या की पहेली उलझी रही। वर्ष 2015 में एक माओवादी के पकड़े जाने पर पता चला कि ये हत्या आंध्र प्रदेश के माओवादी संगठन पीपुल्स वार ग्रुप के इशारे पर उनके कुछ शीर्ष नेताओं की हत्या के बदले की कार्रवाई में की गयी थी जिनमें लिखीराम सीधे तौर पर कहीं से जिम्मेवार नहीं थे। हिना इस हत्या के वक्त करीब 15 साल की थीं। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी कॉलेज की शिक्षा ली और राजनीति शास्त्र में एम ए की डिग्री हासिल की।

हिना कावरे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत युवा कांग्रेस से की। वर्ष 2013 में उन्हें पार्टी ने लांजी विधानसभा सीट से चुनाव में उतारा तो उन्हें जीत हासिल हुई। हालांकि उस समय प्रदेश में भाजपा की हवा थी और कांग्रेस के मात्र 58 उम्मीदवार जीत पाये थे। उन्होंने अपना ध्यान इस अत्यंत पिछड़े क्षेत्र के विकास और जनता से संपर्क पर केंद्रित किया। दिसंबर 2018 में हुए चुनाव में उन्हें दोबारा भारी मतों से जीत हासिल हुई। जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो जनवरी 2019 में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए पार्टी ने हिना को उम्मीदवार बनाया और वे जीत कर इस पद पर पहुँची। मार्च में जब भाजपा दोबारा सत्ता में आ गयी तो उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया। वे युवा कांग्रेस बालाघाट की महासचिव हैं।  

फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता , विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंड पर किये गये सर्वे में लांजी (बालाघाट) की विधायक हिना कावरे को दक्ष कैटगरी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है ।

सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।