एक ऐसे अधिकारी जिनके द्वारा तैयार किए गए परियोजना को पूरे देश में अनुसरण भी किया जाता है

आईपीएस मनोज अब्राहम देश के ऐसे अधिकारी हैं, जिनके किए गए कामों की ना सिर्फ तारीफ होती है, बल्कि उनके द्वारा तैयार किए गए परियोजना को पूरे देश में अनुसरण भी किया जाता है। अब्राहम साल 1994 के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, उन्होंने अपना करियर साल 1994 में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक अडूर और कासरगोड सब-डिवीजन में शुरू किया था। इसके बाद उनको साल 1998 में पठानमथिट्टा और कोल्लम जिलों में पुलिस प्रमुख के रूप में तैनात किया गया था। इसके बाद उनको उस समय रहे राजनीतिक दंगों के शहर कन्नूर में एसपी के रूप में तैनात किया गया था, जहां पर उन्होंने अपने काम का लोहा मनवाया और शहर में होने वाले दंगो को खत्म करवा दिया। अब्राहम ने केरल पुलिस मुख्यालय में बतौर सहायक महानिरीक्षक के रूप में और तिरुवनंतपुरम, कोच्चि व अन्य शहरों में शहर पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया हुआ है।
जब वह कोच्चि और तिरुअनंतपुरम में पुलिस आयुक्त के रूप में तैनात थे तब उन्होंने अपने कार्यकाल मैं गैंगस्टरों का सफाया कर दिया था, वह जिस भी जगह गए वहां पर अपराध को खत्म कर दिया। साल 2014 अब्राहम को आईजी के रूप में पदोन्नत किया गया था, जब वह तिरुवनंतपुरम में आईजी के पद पर कार्यरत थे, तब उन्होंने कई पुलिस अभियानों का नेतृत्व किया था।
अब्राहम को साल 2019 में एडीजीपी के रूप में पदोन्नत किया गया था। उस समय उनको पुलिस मुख्यालय में प्रशासनिक विभाग में नियुक्त किया गया था और राज्य सरकार ने उन्हें केरल पुलिस साइबर डोम के नोडल अधिकारी का पदभार सौंप दिया था। डिजिटल इंडिया होने के साथ ही देश में साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़ गया था जिससे निपटने के लिए साइबर सिस्टम बनाया गया
केरल पुलिस को साइबर अपराध की रोकथाम और उसका पता लगाने और साइबर सुरक्षा के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों पर भी मनोज अब्राहम के हस्ताक्षर हैं। अब्राहम ने इस सिस्टम को इतना मजबूत बना दिया कि आज देश के हर प्रदेश में इसका अनुसरण किया जा रहा है। अब्राहम को अपने अब तक के करियर में बहुत सारे अवार्ड्स मिल चुके हैं। उन्हें साल 2009 में सामाजिक नीति और यातायात सुधार के लिए पुरस्कार दिया गया था, साल 2010 में उनको रोटरी इंटरनेशनल वोकेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, और कोच्चि पीपल्स फोरम अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
बता दें कि मनोज अब्राहम के हस्ताक्षर को भी बड़ी मान्यता है, उनके हस्ताक्षर किए हुए अवॉर्ड्स साइबर क्राइम को रोकने और उसका पता लगाने के लिए केरल पुलिस अफसरों को दिए जाते हैं। साल 2016 में उन्हें साइबर डोम परियोजना के लिए 'साइबर सुरक्षा में प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग' के लिए एसवीआई इनोवेशन एंड एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया था, इसके अलावा उनको बेहरीन काम के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा जा चुका है।