डॉ. प्रशाखा माथुर ने अपने अद्भुत कार्यों और सक्षमताओं से सारे देश के लोगों को प्रेरित किया है

डॉ प्रशाखा माथुर : सफ़ेद कोट से खाकी तक का सफर बखूबी पूरा करने वाली एक अद्भुत जन सेवक . भारत में पुलिस सेवा एक बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा है जो देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को संभालती है। इस सेवा में कुछ ऐसे अधिकारी होते हैं जो अपने कार्यक्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। डॉ. प्रशाखा माथुर एक ऐसी IPS अधिकारी हैं जो अपनी कठोर और समर्पित सेवा के लिए जानी जाती हैं।
अजमेर की रहने वाली डॉ. प्रशाखा माथुर राजस्थान पुलिस सेवा के एक सफल अधिकारी हैं जो वर्ष 1995 में राजस्थान पुलिस सेवा में शामिल हुई थीं। वे राजस्थान पुलिस सेवा के सबसे उच्च अधिकारियों में से एक हैं जो राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के एडीजीपी हैं। MBBS डॉ प्रशाखा माथुर ने 1995 अपराधमुक्त समाज के लिए अपराधियों की नब्ज टटोलने का जिम्मा संभाल लिया।
डॉ. प्रशाखा माथुर जयपुर के स्थित राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग में अपने नियुक्ति के बाद से मानवाधिकार के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। वे एक अभिजात अधिकारी हैं जो मानवाधिकार के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को सुनने और उनकी मदद करने के लिए समर्पित हैं। उनके नेतृत्व में, राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने बहुत सारी महत्वपूर्ण और सक्षम नीतियों और योजनाओं को शुरू किया है। उन्होंने अपने नेतृत्व में आयोग को सक्षम और उन्नत बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनकी सक्रियता और कठोर मेहनत ने इस आयोग को एक सफल एवं विश्वसनीय संस्था बनाया है।
डॉ. प्रशाखा माथुर के नेतृत्व में राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने नागरिकों के संपर्क में आने के लिए अनेक तरीके अपनाएं है। । उन्होंने इस संदर्भ में सीधे संपर्क अधिकारी की नियुक्ति की है जिन्हें नागरिकों से संपर्क बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके अलावा उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है जिससे नागरिक अपने शिकायतों को दर्ज कर सकते हैं और इससे संबंधित समस्याओं का समाधान हो सकता है।
डॉ. प्रशाखा माथुर ने मानवाधिकार के क्षेत्र में न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में भी अपनी अद्भुत प्रतिभा के दम पर अपनी पहचान बनाई हैं। उन्होंने अपने अद्भुत कार्यों और सक्षमताओं से सारे देश के लोगों को प्रेरित किया है। उनका योगदान मानवाधिकारों के संरक्षण और उनके लिए संघर्ष करने वालों को साहस और समर्थन देने में बहुत महत्वपूर्ण है। उनकी अगुआई में राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जो नागरिकों के हित में हैं। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के संरक्षण के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं जो महिलाओं और बच्चों के संरक्षण में सक्षम हैं। इसके अलावा वे बच्चों के अधिकारों के लिए भी लड़ाई और संघर्ष कर रही हैं।
डॉ. प्रशाखा माथुर के द्वारा राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति होना एक बड़ी सफलता है। उनका कार्य एक आदर्श है जो हम सभी को एक अच्छे नेता की आवश्यकता और महत्व को समझाता है। उन्हें देश भर में उनके कार्यों के लिए सम्मान और प्रशंसा मिली है।
इसके अलावा, डॉ. प्रशाखा माथुर ने सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाई है। वे बुजुर्गों, दिव्यांगों और विकलांग लोगों के लिए कार्यक्रम भी आयोजित करती हैं। उन्होंने विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों के बीच मानवाधिकारों को संबोधित किया है ताकि उन्हें मानवाधिकारों के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके।
उन्होंने राजस्थान पुलिस के लिए भी बड़े परिवर्तन किए हैं। वे अपराधियों के खिलाफ अधिक कड़ाई से लड़ने के लिए अधिक सुविधाएं और उपकरण प्रदान करने में रूचि रखते हैं।
अंत में, डॉ. प्रशाखा माथुर एक महान सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने मानवाधिकारों के संरक्षण और उनके संरक्षण के लिए समाज के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। उनका योगदान हमारे समाज के लिए अमूल्य है और हम सभी को उनकी तरह अपने समाज और देश के लिए
वे लोगों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने में सक्षम रही हैं। डॉ. प्रशाखा माथुर का योगदान उनके समर्पण और उनकी भावनाओं की शक्ति पर आधारित है। उनके जीवन का उदाहरण हम सभी के लिए प्रेरणादायक है