प्रशासनिक कलात्मकता के कारण देश भर में विख्यात हैं के. राजेश
वे यूनेस्को स्कॉलरशिप ऑफ साउथ एशियन अफेयर्स से सम्मानित हैं।
मोटिवेशनल स्पीकर, टेडेक्स स्पीकर, सिंगर, राइटर, बैडमिंटन प्लेयर और कई अन्य कलात्मक खूबियां गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के उपायुक्त कनकीपति राजेश को औरों से थोड़ा अलग बनाती हैं ईमानदारी को अपना सबसे मजबूत पक्ष मानने वाले के. राजेश ने सामाजिक समरसता और विकास को ध्येय मानकर प्रशासनिक सेवा में आने का फैसला किया। यही नतीजा है कि वे एक अधिकारी के तौर पर विकासवाद का पर्याय बने हुए हैं।
23 मार्च 1986 को आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में जन्मे के.राजेश ने पाँडीचेरी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। वे यूनेस्को स्कॉलरशिप ऑफ साउथ एशियन अफेयर्स से सम्मानित हैं। के.राजेश 2011 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस हैं। के राजेश पहली पोस्टिंग में जूनागढ़ के असिस्टेंट कलेक्टर बनाये गये। सितबंर 2013 में उनका ट्रांसफर सूरत के बारडोली में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर किया गया। बारडोली में उन्होंने सुधार कार्यों को नयी दिशा दी और साथ ही किसानों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। 2015 में उन्हें मोरबी का डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट ऑफिसर बनाया गया। गुजरात के इस औद्योगिक क्षेत्र में उन्होंने विकास को नया आयाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे सूरत में भी डीडीओ रहे। इस दौरान गुजरात सरकार द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ डीडीओ के सम्मान से सम्मानित किया गया।
अप्रैल 2018 में के. राजेश को सुरेंद्रनगर का जिलाधिकारी बनाया गया। इस जिले में उन्होंने कृषि, कृषक और गरीब व आम लोगों के लिए जबरदस्त कार्य किया। सुरेन्द्रनगर जिला कलेक्टर और एक आईएएस अधिकारी के तौर पर उनकी एक बड़ी उपलब्धि ये रही कि उन्होंने डफर समुदाय (देश के अन्य राज्यों में इन्हे बंजारा, खानाबदोश आदि कहते हैं) के हजारों परिवारों को जीने की नयी दिशा दी। बरसों से हर सुविधा से वंचित रहे इस समुदाय के लोगों को उन्होंने आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड आदि के साथ ही आवासीय जमीन और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1000 से ज्यादा घर उपलब्ध करवाया। ये देश भर में किसी प्रशासनिक अधिकारी के प्रयास की सबसे बड़ी मिसाल है। उन्होंने जिले में सिंचाई परियोजना के कार्यों में तेजी लाने के साथ ही जिले के सभी किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ने पर बल दिया। उनका प्रयास है कि किसान मजबूत और सुरक्षित महसूस करेगा तो उत्पादकता बढ़ेगी और इससे देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत और उनकी आमदनी दोगुनी सुनिश्चित करने की दिशा में भी प्रयास किया जिसकी काफी सराहना हो रही है।
डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिसर के तौर पर लोकसभा चुनाव में के राजेश द्वारा चलाये गये मतदाता जागरूकता अभियान की भी सराहना हुई। कोविड-19 कोरोना काल में गुजरात के बेदम होने की स्थिति में भी उन्होंने सुरेंद्र नगर में प्रशासनिक दायित्वों को जवाबदेही से निभाया है । जिले में उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए जागरुकता और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लोगों में अलख जगाया। वे आत्मनिर्भर भारत अभियान पर भी तेजी से काम कर रहे हैं ताकि कोरोना काल में बढ़ी बेरोजगारी को कम किया जा सके।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में सुरेंद्रनगर गुजरात के जिलाधिकारी के राजेश 'कलात्मक' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।