दूरदर्शिता और साहस की विलक्षण मिसाल कृष्णा गौर

दूरदर्शिता और साहस की विलक्षण मिसाल कृष्णा गौर

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविदपुरा की विधायक कृष्णा गौर ने अपने ससुर व पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबू लाल गौर की राजनीतिक विरासत को नया आयाम दिया है। उन्होंने भोपाल को मॉडल सिटी के तौर पर बसाने का सपना देखा है और इसे पूरा करने में उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल चुकी है।

कृष्णा गौर का जन्म 26 सितंबर 1967 को इन्दौर के प्रतिष्ठित व परंपरागत भारतीय परिवार में हुआ था। उनके पिता स्व. नारायण यादव एक समाजसेवी तथा इन्दौर दुग्ध संघ के अध्यक्ष थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा इंदौर में हुई। वे एक एक मेधावी छात्रा थीं और उन्होंने इंदौर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में एमए की डिग्री हासिल की। वे छात्र संघ में पदाधिकारी भी रहीं। उनका विवाह मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के पुत्र पुरूषोत्तम गौर के साथ हुआ था, लेकिन उनके असामयिक निधन से परिवार को गहरा सदमा लगा। मुश्किल घड़ी में कृष्णा ने पूरे परिवार को संभाला और ससुर के दिशा-निर्देशन में जनसेवा व राजनीति में सक्रियता दिखायी। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़कर जनकल्याण के कार्यो में सक्रिय रूप से भागीदारी की। महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक सरोकार के मुद्दों के अभियानों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्हें मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की अध्यक्ष बनने का भी अवसर मिला। वे वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं वर्ष 2007 में भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनीं। वर्ष 2008 में वे मध्य प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की विशेष आमंत्रित सदस्य भी रह चुकी हैं।

कृष्णा गौर ने स्थानीय निकाय की राजनीति में कदम रखा और भोपाल की मेयर भी बनीं। मेयर की कुर्सी संभालने के बाद कृष्णा गौर ने अपनी एक अलग पहचान बनायी। वर्ष 2018 में अत्यधिक बुजुर्ग होने के कारण भाजपा ने भोपाल के गोविंदपुरा से दस बार विधायक रह चुके बाबूलाल गौर को टिकट नहीं दिया तो उनकी बहू कृष्णा गौर ने उनकी राजनीतिक विरासत संभालने का भरोसा दिलाया। पार्टी ने उन्हें टिकट दिया तो उन्होंने वो सीट भारी मतों से जीतकर अपनी योग्यता भी सिद्ध कर दी। वे भोपाल की पहली महिला विधायक बनीं। उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास की एक कार्ययोजना बनाकर उसपर अमल करना प्रारंभ कर दिया है।

कृष्णा गौर को सेवा भारती, संत सेवा आश्रम भोपाल एवं कई संस्थाओ द्वारा सामाजिक कार्यो के लिए प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें वर्ष 2009 में भोपाल नगर निगम पुरस्कार व वर्ष 2010 में जेएनएनयूआरएम के सफल संचालन के लिए एक्सीलेंस अवॉर्ड भी मिला है। फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता , विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में भागीदारी, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंड पर किये गये सर्वे में गोविंदपुरा की विधायक कृष्णा गौर को विलक्षण कैटगरी में प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ है।

सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।