प्रेरक व्यक्तित्व और लोकप्रियता की मिसाल हैं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल

पढ़ाई के लिए हर रोज गांव से पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ता था

प्रेरक व्यक्तित्व और लोकप्रियता की मिसाल हैं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल

ऊँची सोच के मेहनती इंसान हैं मंगेश घिल्डियाल। उनमें दूसरों के दुख को दूर करने की गजब ललक है और उनकी कोशिश जन समस्याओं के जल्द समाधान की रहती है। वे फिलहाल टिहरी के जिलाधिकारी हैं और अपनी दूरदर्शिता, योजनाबद्धता और निर्णयों को कार्यरूप देने की क्षमता के कारण उन्हें विकास पुरुष का दर्जा हासिल है। उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय जिलाधिकारियों में उनका नाम शामिल है और वे जहां भी पदस्थापित रहे, वहां से तबादला होने पर जनता सड़कों पर उतर आती है।

पौड़ी गढ़वाल जिले के टांडियों गांव में 06 अगस्त 1986 को प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर बृजमोहन घिल्डियाल और आरती देवी के घर मंगेश का जन्म हुआ। मुश्किलों से भी रास्ता निकालने  में माहिर इस बालक को पढ़ाई के लिए हर रोज गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय पटोटिया जाना पड़ता था। वे बचपन से ही बेहद कुशाग्र बुद्धि थे। उन्होंने रामगनर के पीएनजी गवर्नमेंट कॉलेज से फिजिक्स में ग्रैजुएशन किया और डीएसबी कैंपस, नैनीताल से फिजिक्स में एमएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने स्कूल ऑफ फिजिक्स, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से लेजर साइंस में एमटेक भी किया। 

वर्ष 2008 में बतौर रक्षा साइंटिस्ट मंगेश घिल्डियाल की पहली पोस्टिंग डीआरडीओ, देहरादून में हुई। उन्होंने अपने जीवन में पहाड़ के पथरीले संघर्ष और समस्याओं को करीब से महसूस किया था। अपनों के लिए कुछ करने की चाहत में वे साइंटिस्ट की नौकरी छोड़ सिविल सर्विस में जाने की तैयारी में जुट गये। सीमित संसाधनों में उन्होंने  पहली बार में ही 131वीं रैंक हासिल की और उनका चयन आईपीएस के लिए हुआ। उत्तराखंड कैडर भी मिला व हैदराबाद में ट्रेनिंग के बाद देहरादून में जॉइनिंग हुई, लेकिन उनकी चाहत और मंजिल आईएएस बन कर पहाड़ की सेवा करने की थी। दोबारा यूपीएससी 2012 बैच की सिविल सर्विसेज परीक्षा में वे चौथे स्थान पर रहे, और उन्होंने उत्तराखंड कैडर चुना।

मंगेश घिल्डियाल की पहली पोस्टिंग लक्सर हरिद्वार में जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई। वहां उन्होंने राजस्व संबंधी समस्याओं को सुलझाने में उल्लेखनीय कार्य किया और शिक्षा के क्षेत्र में भी सराहनीय योगदान दिया। इसके बाद चमोली में मुख्य विकास अधिकारी रहते हुए उन्होंने राज्य के विकास में अपना बेहतरीन योगदान देना शुरू कर दिया। उन्होंने स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देते हुए चमोली जिले के जोशीमठ, देवाल और दशोली ब्लॉक को खुले में शौच से पुरी तरह मुक्त करवाया। उनके नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चमोली जिले को सम्मानित किया गया। अक्टूबर 2016 में मंगेश घिल्डियाल बागेश्वर के जिलाधिकारी बनाये गये। मात्र सात माह के कार्यकाल में ही अपनी विशेष कार्यशैली से उन्होंने जनता का दिल जीत लिया। यही कारण था कि जब उनका स्थानांतरण हुआ तो राज्य में पहली बार किसी आईएएस अधिकारी के लिए जनता सड़कों पर उतर आयी थी और कुछ लोगों ने अपने सिर तक मुंडवा लिये। उन्होंने खुद लोगों को समझाया।

17 मई 2017 को मंगेश घिल्डियाल रुद्रप्रयाग के 23वें जिलाधिकारी बने। जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, केदारनाथ यात्रा सड़क निर्माण, स्वरोजगार, कृषि, उद्यान और अन्य विकास कार्यों को उन्होंने तेजी से शुरू करवाया। साथ ही भ्रष्टाचारियों पर भी पूरी तरह नकेल कसी। राज्य के विकास के प्रति उनके गहरे लगाव का अहसास तब भी देखने को मिला जब रुद्रप्रयाग के जीजीआईसी में उन्हें साइंस सहित कई टीचर्स के पद खाली होने का पता चला तो तुरंत व्यवस्था के तौर पर अपनी पत्नी डॉ ऊषा सुयाल घिल्डियाल, (जिन्होंने जीबी पंत युनिवर्सिटी से विज्ञान में डॉक्टरेट किया है) को नौवीं और दसवीं की छात्राओं को निःशुल्क पढ़ाने भेज दिया। वे वर्ष 2017 और वर्ष 2019 में  दो बार वेष बदलकर करीब 16 किलोमीटर तक पैदल चल केदारनाथ धाम पहुंच गये और विकास कार्यों में कोताही बरत रहे अधिकारियों की जम कर फजीहत भी की। 

रुद्रप्रयाग में मंगेश घिल्डियाल के रहते हुए ज़िले को देश में प्रधान मंत्री आवास योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इन्हें दो बार मुख्यमंत्री सुशासन एवं उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। वर्ष 2019-20 के लिए ज़िले को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार में प्रथम स्थान (गोल्ड मैडल) प्राप्त हुआ। ज़िले के तीन प्रोजेक्ट्स को स्कॉच आर्डर और मेरिट अवॉर्ड भी प्राप्त हुआ है। रुद्रप्रयाग में तीन साल रहने के बाद  मई 2020 में उनका ट्रांसफर टिहरी हो गया। यहां भी लोगों ने उनका तबादला रोकने के लिये धरना देना शुरू कर दिया और उन्हें समझाने के लिये मंगेश को अपील करनी पड़ी। 

कोविड-19 महामारी के इस संकट में ज्वाइन करते ही मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी जिले में जन जागरूकताा, क्वारंटाइन सेंटर  में साफ-सफाई और खाने की बेहतर व्यवस्था के साथ डॉक्टरों की सूची तैयार करवायी ताकि कोरोना इंफेक्शन के दौरान इलाज में किसी तरह की दिक्कत ना आये। 

फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में रुद्रप्रयाग से आकर टिहरी के जिलाधिकारी बने मंगेश घाल्डियाल 'प्रेरक' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।