पत्रकार व फुटबॉलर रहे एन बीरेन सिंह वर्तमान में मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं

पत्रकार व फुटबॉलर रहे एन बीरेन सिंह वर्तमान में मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं। बीरेन सिंह को राजनीतिक का मंझा हुआ खिलाड़ी कहा जाता है। सिंह ने अपना राजनीतिक सफर डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपल्स पार्टी से जुड़ कर किया था। बीरेन सिंह ने पूरी तैयारी के साथ राजनीति में अपना कदम रखा था। साल 2002 के विधानसभा चुनाव में डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी की टिकट पर वह हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए लेकिन वह साल 2003 में पार्टी की सदस्यता को छोड़ कर कांग्रेस में शामलि हो गए। उन्हें कांग्रेस ने राज्य में मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने साल 2007 में फिर से हेनगांग सीट पर चुनाव लड़ा और इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिली। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भी एन. बीरेन सिंह अपने क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे।
अक्टूबर 2016 में कांग्रेस से असंतोष जाहिर कर वह भाजपा में शामिल हो गए। भारतीय जनता पार्टी ने उनको अपना प्रवक्ता बना लिया। साल 2017 के चुनाव में चौथी बार वह फिर से हेनगांग सीट से विधायक चुने गए थे। चुनाव में उन्होंने टीएमसी (TMC) के पी. शरदचंद्र सिंह को 18 हजार 271 वोटों के मार्जिन से हरा दिया था। उनको कुल 6,486 वोट मिले। भाजपा ने एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर में भारी बहुमत से जीत हासिल कर पार्टी की राज्य में अलग पहचान बनाई थी। जब वह 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, तो किसी ने उम्मीद ही नहीं की थी कि वह बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने अपनी लगन, राजनीतिक कुशलता और एकाग्रता से साबित कर दिया कि मणिपुर में उन जैसा चतुर राजनेता कोई नहीं है।
बीरेन सिंह का जन्म 1961 में मणिपुर के लुवांसंगबम ममंग लेइकाई में एक हिंदू परिवार में हुआ था। बीरेन जब सिर्फ 18 साल के थे, तब उनको मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक मैच के दौरान सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) की फुटबॉल टीम में चुन लिया गया था।
वह राज्य के ऐसे पहले खिलाड़ी थे जो जिसने मणिपुर के बाहर खेला था । उन्होंने साल बीएसएफ टीम में रहते हुए 1981 में डूरंड कप जीतने के लिए कोलकाता के मोहन बागान की टीम को हरा दिया था। लेकिन उन्होंने अगले साल ही बीएसएफ टीम छोड़ दी लेकिन 1992 तक राज्य टीम के लिए खेलना जारी रखा। बीरेन सिंह को राष्ट्र के लिए उनके असाधारण कार्य के लिए साल 2018 में चैंपियंस ऑफ चेंज से सम्मानित किया गया था। वह पूर्व में फुटबॉलर होने के साथ ही पत्रकार भी थे।
उन्होंने पत्रकारिता में अपना करियर बनाने के लिए बीएसएफ से इस्तीफा देकर बिल्कुल अलग राह लेते हुए साल 1992 में स्थानीय भाषा में एक दैनिक अखबार नाहरोलगी थौडांग की शुरुआत की था, जिसके लिए उन्होंने अपने पिता से विरासत में मिली दो एकड़ जमीन बेच दी थी. उनका अखबार जल्द ही स्थापित हो गया। लेकिन राजनीति में आने के लिए साल 2001 उन्होंने अपना अखबार मात्र दो लाख रुपये में बेच दिया था।
बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने जनवरी 2018 में, मणिपुर पब्लिक स्कूल के नए शैक्षणिक भवन की आधारशिला रखी। यह परियोजना मणिपुर अल्पसंख्यक व ओबीसी आर्थिक विकास सोसायटी द्वारा शुरू की गई थी। इस परियोजना की लागत लगभग 10.80 करोड़ रुपये की है, जिसमे नए कक्षाएं, प्रधानाध्यापक का कमरा, कॉमन रूम, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, शौचालय और लड़कों और लड़कियों के लिए अलग छात्रावास बनाए गए। इसके अलावा सिंह ने 20 अप्रैल, 2018 को फेरज़ावल जिले के परबुंग में पहले राज्य स्तरीय जिंजर फेस्टिवल का शुभारंभ किया था। इस महोत्सव का आरंभ पहाड़ी जिले में कृषि को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
बीजेपी ने इस बार भी उन्हीं के चेहरे को आगे कर दोबारा से पूर्वोत्तर के समक्ष रखा जिसको लोगों ने अपना बहुमत देकर जीत हासिल करवा दी।