कुशल प्रशासनिक व्यवस्था वाले जिलाधिकारी हैं ओम प्रकाश कसेरा
लॉकडाउन में देश भर के छात्रों के लिये अभिभावक की भूमिका में रहे

विनम्रता और सादगी के साथ ही कुशल प्रशासक भी हैं कोटा के वर्तमान जिलाधिकारी ओम प्रकाश कसेरा। राजस्थान के कोटा शहर को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिये उन्हें काफी प्रशंसा मिली है। इसके साथ हीउन्होंने स्थानीय लोगों, वहां देश भर से पढ़ने आये स्टूडेंट्स और व्यापारियों आदि की परेशानियों के निपटारे के लिये एक सुदृढ़ व्यवस्था बनायी है।
राजस्थान के श्रीमाधोपुर के प्रसिद्ध व्यवसायी एस एल कसेरा के घर 5 अक्टूबर 1982 को ओम प्रकाश कसेरा का जन्म हुआ। सदैव स्कूल की परीक्षाओं में टॉपर रहने वाले ओम प्रकाश ने 2003 में बीकॉम में कॉलेज टॉप किया। वे 2005 में एमबीए में गोल्ड मेडलिस्ट रहे और उसके बाद उन्होंने सीए और सीएस की पढ़ाई की। 2009 में सीए करने के बाद वर्ल्ड बैंक में रिसर्च एनालिस्ट के पद पर रहे। फऱवरी 2010 से अगस्त 2012 तक ओएनजीसी में फाइनेंस एंड अकाउंट ऑफिसर रहे, लेकिन उनका लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा था। वर्ष 2012 में वे यूपीएससी की परीक्षा में अच्छी रैंक के साथ सफल रहे, और उन्हें होम स्टेट यानी राजस्थान कैडर मिला।
मसूरी में ट्रेनिंग के बाद ओम प्रकाश कसेरा को अजमेर का असिस्टेंट कलेक्टर और एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट बनाया गया। इसके बाद उन्हें राजस्थान के बारां में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बनाकर भेजा गया। वर्ष 2015 में उन्हें राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया, जहाँ उन्होंने हेल्थ सर्विस में कई सुधार किए ओर आमलोगों की सेहत से जुड़े सरकारी स्कीम को सख्ती से लागू करवाया।
जुलाई 2017 में ओम प्रकाश कसेरा जोधपुर म्युनिसिपल कारपोरेशन के कमीशनर बनाये गये। बतौर म्युनिसिपल कमिश्नर उन्होंने जोधपुर नगर निगम में व्याप्त अनियमितताओं को खत्म करने के लिए कई प्रशासनिक कदम उठाये। जुलाई 2018 में उन्हें जैसलमेर का जिलाधिकारी बनाया गया। करीब छह महीने तक उन्होंने जैसलमेर में प्रशासनिक दायित्वों को उत्कृष्ट तरीके से निभाया। इसके बाद 2019 में उन्हें राजस्थान एलिमेंट्री एजुकेशन का डायरेक्टर बनाया गया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय सुधार किए । जिससे उनके कार्य की जमकर तारीफ हुई।
सितंबर 2019 में ओम प्रकाश कसेरा कोटा के जिलाधिकारी बनाये गये। कोटा देश का सबसे बड़ा एजुकेशनल हब है, लिहाजा उन्होंने कोटा में छात्रों की सुविधा के लिए प्रशासनिक स्तर पर कई सुधार के साथ वहाँ के अन्य प्रबंधनो को भी दुरूस्त किया। कोरोना महामारी के दौर में बतौर जिलाधिकारी ओम प्रकाश कसेरा की चुनौतियां काफी बड़ी थी, जिले की आम जनता के साथ ही हजारों की संख्या में कोटा में रहने वाले दूसरे राज्यों के स्टूडेंट्स की बड़ी जिम्मेदारी उनके ऊपर थी। जिले की जनता को जागरूक करने के साथ ही उनके नेतृत्व में जिला प्रशासन ने बच्चों की भावनात्मक और मानसिक स्थिति को नकारात्मक विचार से बचाने के लिए मनोवैज्ञानिकों की सहायता ली। मुश्किल हालात में स्टूडेंट्स के लिए बेहतर प्रबंधन क्षमता की वजह से उनके काम की देश भर में सराहना हुई।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गये सर्वे में कोटा के जिलाधिकारी ओम प्रकाश कसेरा ‘कुशल प्रबंधन ’ श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।