हौसलों की ऊँची उड़ान भरने वाले उद्योगपति पकंज भाई पटेल

हौसलों की ऊँची उड़ान भरने वाले उद्योगपति पकंज भाई पटेल

कैडिला हेल्थकेयर के मालिक और फार्मा क्षेत्र के मशहूर उद्योगपति पंकज रमण भाई पटेल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। 1995 में अपनी पुश्तैनी कंपनी को नया जीवन देकर दुनिया भर में फैलाने वाले इस कारोबारी ने साबित कर दिखाया कि अगर सपूत के हाथों कारोबार सौंपा जाये तो कई गुना बढ़ जाता है। 1995 में कैडिला लैबोरेट्रीज के विभाजन के बाद, ज़ायडस ग्रुप के तहत कैडिला हेल्थकेयर का नाम अस्तित्व में आया। तब महज 200 करोड़ रुपये का ये समूह 15 साल की छोटी सी अवधि में 3700 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और देश का पांचवा सबसे बड़ा फार्मा समूह बन गया।

पंकज भाई पटेल का जन्म एक कारोबारी परिवार में मार्च 1953 को हुआ था। बचपन से ही वे अपने पिता रमणजी भाई और उनके पार्टनर इंद्रवदन मोदी की कंपनी कैडिला लैबोरेट्रीज में दवाएं बनते देखने जाया करते थे। शुरू से ही फार्मा के प्रति रुझान था। उन्होंने  गुजरात यूनिवर्सिटी से  बैचलर ऑफ फार्मेसी और मास्टर ऑफ फार्मेसी की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से साइंस और कानून की पढ़ाई की। 1976 में उन्होंने अपने पिता की कंपनी में हाथ बंटाना शुरू किया। पंकज भाई ने अपने पार्टनर से अलगाव के बाद कंपनी में जान फूंकने के लिए पुरजोर मेहनत की। उनकी जायडस कंपनी ने क्राफ्ट हेंज के भारतीय हिस्से को खरीद लिया। भारतीय हेंज उत्पादों  में कंप्लान, ग्लूकोन-डी, नायसिल पाउडर और संप्रीति घी शामिल हैं। आज पंकज भाई की कंपनी तीन सौ से ज्यादा दवाइयां बनाती है। स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा  बीमारी के लिए पहला टीका  कैडिला कंपनी ने ही बनाया था। इतना ही नहीं पंकज भाई का बिजनेस  जापान, फ्रांस समेत दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है, जिसमें ग्यारह हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे है। साथ ही गुजरात में जायडस के कई हॉस्पिटल भी हैं।

पंकज भाई  पटेल ने विदेश की कई कंपनियों को खरीदा है। आर एंड डी के साथ कंपनी का एक्सटेंशन कर फार्मा के  क्षेत्र में देश के अग्रणी कंपनी के तौर पर खुद को स्थापित कर लिया। उन्होंने रिसर्च पर काफी जोर दिया है और आगे वे भारत को फार्मा रिसर्च का हब बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उनकी कंपनी में एक हजार से ज्यादा भारतीय साइंटिस्ट  अलग-अलग दवाओं पर रिसर्च करते हैं। इसी वजह से उन्हें डीसीजीआई की ओर से  कोरोना के वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल  की भी अनुमति दी है। पंकज भाई की कंपनी जायडस ने कोरोना का ह्यूमन ट्रायल शुरु कर दिया है। पंकज भाई का मानना है कि मानव हित में  वैक्सीन जल्द  ही आयेगा। पंकज पटेल ऊँची उड़ान भरने के भी शौकीन हैं। 2012 में उन्होंने सिंटेक्स इंडस्ट्रीज के चेयरमैन दिनेश पटेल से जुड़ कर एक एविएशन कंपनी शुरू की और चैलेंजर 604 विमान भी खरीदा। 2018 में उन्होंने प्राइवेट जेट भी खरीदा है। 

पंकज भाई पटेल  की मेहनत और लगन के परिणाम स्वरुप उनकी कंपनी 4 बिलियन  डॉलर से ज्यादा की हो चुकी है। सामाजिक सरोकार के कामों में लगे रहने वाले पंकज भाई पटेल  2017 में फिक्की के अध्यक्ष भी थे। वे गुजरात  चैंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े हैं। गुजरात वेपारी महासंघ और अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोशिएसन के भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में भी काफी कार्य किया है। पढ़ने-लिखने में उनकी विशेष रुचि है। वे आईआईएम उदयपुर और आईआईटी भुवनेश्वर के बोर्ड के मेंबर हैं। फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के 50 प्रभावशाली व्यक्ति 2020 की सूची में पंकज पटेल 34वें स्थान पर हैं।