लोगो के बीच काफी लोकप्रिय है केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन

पिनाराई विजयन केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं, व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। इनका जन्म कन्नूर जिले के एक गरीब परिवार में हुआ था, इनकी स्कूली शिक्षा पेरलास्सेरी हाई स्कूल से पूरी हुई थी। इसके बाद वह विश्वविद्यालय अध्ययन के लिए सरकारी ब्रेनन कॉलेज में शामिल हो गए थे। पिनाराई ने छात्र संघ की गतिविधियों के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया था और अंततः कम्युनिस्ट पार्टी में साल 1964 को शामिल हो गए।
उन्होंने केरल संघ KSF (छात्र) के सचिव के रुप में और केरल राज्य फेडरेशन KSYF (यूथ) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया हुआ है। उस समय, जब केरल में कम्युनिस्टो के अलग अलग जगहों से राजनीतिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा था, तब बहिष्कार के चलते पिनाराई को डेढ़ साल के लिए जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद उन्हें केरल राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
साल 1970 में उनका चुनाव केरल विधानसभा के लिए किया गया। इसके बाद उन्हें फिर से 1977, 1991 और 1996 में चुना गया था। 1986 में उनको कन्नूर जिला के सचिव चुने जाने से पहले, कन्नूर में जिला समिति व जिला सचिवालय के सदस्य होने सहित पार्टी में कई विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने नयनार के मंत्रालय में 1996 से 1998 तक विधुत और सहकारी व्यग के मंत्री के रूप में अपना योगदान दिया। इसके बाद उनको 1998 में केरल राज्य सचिव बनाया गया और 2002 में उनको सीपीआई में एम (वह) के पोलित ब्यूरो के लिए चुना गया।
पिनाराई विजयन को हमेशा से ही अपनी पार्टी सीपीएम का आधार बढाते हुए देखा गया है और यह बात भी सभी जानते हैं कि केरल में सीपीएम (Communist Party of India (Marxist)) हमेशा से ही एक ‘हिंदू पार्टी’ के रूप में काम करती आई है। हालांकि विजयन ने इस विचार को आगे नहीं बढ़ने दिया और अपनी पार्टी की ‘हिन्दू पार्टी’ की छवि को भी बदल दिया। और उन्होंने यह कदम तब उठाया जब राजनीती एक अहम मोड़ ले रही थी। विजयन ने Communist Party of India (Marxist) की ‘हिन्दू पार्टी’ की छवि को बदलते हुए मुस्लिम और ईसाई समाज के लोगों को पार्टी में जोड़ना शुरू किया जिससे लोगों को पार्टी पर विश्वास बढ़ने लगा।
विजयन ने अपने राज्य पर काम करते हुए हमेशा चतुराई और सुझबुझ का परिचय दिया है। चाहे बात प्रशासन में बदलाव की हो या पार्टी में वे अपने कहे पर खरा उतरने की, वह कभी पीछे नहीं हटते। विजयन की पार्टी ने शुरुआत से ही लोगों के दिलों जगह बनाना शुरू कर दिया था जो कि आज देखने को मिलता है, लोगों का इन पर विश्वास अब अटूट हो गया है।
बता दें कि साल 1970, 1977, 1991, 1996 और 2016 में विजयन ने तीन अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से केरल विधानसभा चुनाव पांच बार जीता था। 1971 के तेल्लीचेरी दंगों के समय सांप्रदायिक तनाव से मुक्त होने में उनकी भूमिका के लिए उनकी काफी सराहना की गई थी, और उनके प्रयासों का आधिकारिक न्यायमूर्ति जोसेफ विथ्याहिल कमिशन रिपोर्ट के 220 वें पैराग्राफ में उल्लेख किया गया है। 1996 से 1998 के बीच में विजयन ने बिजली मंत्री के रूप में राज्य में बिजली उत्पादन में वृद्धि के लिए काम किया था, इसके अलावा उनको RUBCO के गठन के पीछे मार्गदर्शक के रूप में भी देखा जाता है।
विजयन हमेशा ही लोगों की सेवा में लगे रहते हैं जिसकी वजह से लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं। उन्होंने दिसंबर साल 2020 में हुए चुनाव के घोषणापत्र में उल्लिखित 600 चुनावी वादों में से 570 को पूरा करके इतिहास रच दिया था। उन्होंने गरीबों को घर, शिक्षा और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा है। इसके साथ उन्होंने ट्रांसजेंडर लोगों के लिए रेल नेटवर्क (कोच्चि मेट्रो) में रोजगार आरक्षण प्रदान किया व स्नातक और स्नातकोत्तर में कला और विज्ञान में डिग्री हासिल करने वाले ट्रांसजेंडर छात्रों को भी आरक्षण प्रदान किया।
विजयन का जन्म 21 मार्च 1944 को कन्नूर जिले में हुआ था। वह जन्म से ही एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता का नाम पाम वाइन और माता का नाम ताड़ी टेपार था। पिनाराई ने कमला से शादी की जिनसे उन्हें दो बच्चे भी हैं। विजयन की बेटी वीणा विजयन (Veena Vijayan) और बेटा विवेक विजयन (Vivek Vijayan), वीणा विजयन एक सॉफ्टवेर इंजिनियर हैं।