ऊर्जा और जोश से भरपूर हैं केंद्रीय मंत्री राज कुमार सिंह
केंद्र सरकार में गृह सचिव रह चुके हैं आरके सिंह
राज कुमार सिंह केंद्र सरकार में ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। वरिष्ठ आईएएस रह कर पॉलिटिक्स में पहुँचे राज कुमार सिंह अपनी प्रशासनिक क्षमता और कड़क मिजाजी के लिए जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में परफॉर्मर मिनिस्टर के तौर पर उनकी पहचान है।
20 जनवरी 1952 को बिहार के सुपौल में जन्मे राजकुमार सिंह दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इंग्लिश में ग्रैजुएशन करने के बाद 1975 में सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता पायी। टॉप रैंकिंग की वजह से उन्हें होम स्टेट यानी बिहार कैडर मिला। महज 23 साल में आईएएस बने राजकुमार सिंह की बतौर जिलाधिकारी पहली पोस्टिंग बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में हुई। इसके बाद वे पटना के जिलाधिकारी बनाये गये। वे बिहार में कई अहम प्रशासनिक पदों पर रहे।
राज कुमार सिंह 1990 में सुर्खियों में आये जब उन्होंने बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से निकली रथयात्रा को समस्तीपुर में रोका और उन्हें गिरफ्तार किया। उस वक्त राज कुमार सिंह को खास तौर पर समस्तीपुर का एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बना कर भेजा गया था। लेकिन एनडीए के सत्ता में आने पर गृह मंत्रालय संभाल रहे लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें वर्ष 1999 में होम मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सेक्रेटरी बना दिया। वहां वे वर्ष 2004 तक रहे। प्रशासनिक सेवा में बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत बुलंदियों पर पहुंचे राज कुमार सिंह 2011 से 2013 तक भारत के गृह सचिव रहे।
राज कुमार सिंह का राजनीतिक सफर भी खासा दिल दिलचस्पी भरा है। कभी राम मंदिर आंदोलन के लिए निकली रथयात्रा रोकने वाले राजकुमार सिंह रिटायरमेंट के बाद बीजेपी के रथ पर सवार हो गए। उन्हें बीजेपी ने 2014 में मोदी लहर में बिहार के राजपूत बाहुल्य इलाके आरा से लोकसभा सीट पर खड़ा किया। सुपौल निवासी राजकुमार सिंह को आरा से टिकट दिये जाने पर सवाल खड़े हुए लेकिन राज कुमार सिंह ने अपनी ससुराल और बेटी की ससुराल का हवाला देते हुए भोजपुर को न केवल अपना दूसरा घर बताया बल्कि आरा में बंपर वोटों से जीत भी हासिल की। 2014 में आरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे। दूसरी बार 2019 में भी उन्होंने आरा लोकसभा सीट से चुनाव जीता ।
आरा की सीट को बीजेपी की झोली में डालने वाले राज कुमार सिंह को 2017 में मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला था। उन्हें ऊर्जा एवं गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया। राज कुमार सिंह ने मंत्री रहते हुए जबरदस्त काम किया और देश में विद्युतीकरण की योजना में उनका अहम योगदान रहा। इस बात का जिक्र पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कर चुके हैं। 2019 के चुनाव में भी उनके कार्यों की बदौलत ऊर्जा मंत्रालय यानी एनर्जी मिनिस्ट्री में दोबारा स्वतंत्र प्रभार दिया गया।
राज कमार सिंह जिस पद पर रहे पूरी शिद्दत के साथ कार्यों का निष्पादन किया। वे समय से कार्य करने और सरकार की नीतियों के सही क्रियान्वयन को अहमियत देने के लिए जाने जाते हैं। बतौर मंत्री भी उन्होंने पावर सेक्टर के काम को तेजी से आगे बढ़ाया है। वे ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कटिबद्ध हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी के ऊर्जा नवीकरणीय के लक्ष्य को पाने के लिए तत्पर हैं । वैसे भारत सरकार ने 2022 के आखिर तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से 60 गीगावाट पवन ऊर्जा से, 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से, 10 गीगावाट बायोमास ऊर्जा से तथा 5 गीगावाट लघु पनबिजली से शामिल है।
ईमानदार व कर्मठ छवि के राज कुमार सिंह की कार्य-शैली आम लोगों से बिल्कुल अलग है। वे विकास और आधुनिकीकरण के पक्षधर हैं। वे समस्या को तेजी से निपटाने में विश्वास रखते हैं। भ्रष्टाचार और आतंकवाद के मसले पर पर जीरो टॉलरेंस रखने वाले राज कुमार सिंह की पूर्व सरकार के मंत्रियों से विवाद भी चर्चा में रहा हैं। राज कुमार सिंह सोशल मीडिया पर भी बेहद एक्टिव हैं। फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के 50 प्रभावशाली व्यक्ति 2020 की सूची में राजकुमार सिंह 28वें स्थान पर हैं।