देश की सीमाओं के मजबूत प्रहरी राजनाथ सिंह

साफ-सुथरी छवि एवं विकास परक कार्यशैली है रक्षा मंत्री की

देश की सीमाओं के मजबूत प्रहरी राजनाथ सिंह

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट के कद्दावर मंत्री में से एक हैं । चेहरे पर तेज और छवि में शालीनता उनके व्यक्तित्व की पहचान है । बीजेपी की राजनीति में बेहतरीन पकड़ रखने वाले नेता राजनाथ सिंह 2019 में देश के रक्षा मंत्री बनाये गये। 


राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के भाभोरा गांव में हुआ। वह किसान परिवार से आते हैं किन्तु पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि के छात्र रहे। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में डिग्री ली और मिर्जापुर जिले में फिजिक्स के लेक्चरर बने। उन्होंने 13 साल की उम्र में आरएसएस ज्वाइन की और नौकरी  के दौरान भी संघ से जुड़े रहे। 1974 में उन्हें भारतीय जनसंघ का सचिव नियुक्त किया गया। इमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में बंद रहने वाले राजनाथ सिंह को 1975 में जनसंघ ने मिर्जापुर जिले का अध्‍यक्ष बनाया। उन्हें संघ और बीजेपी के बीच पुल के तौर पर देखा जाता था। इन सब खूबियों की वजह से उन्हें  सत्ता का माहिर खिलाड़ी माना जाता है, लिहाजा वे दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। 
 
2013 में बीजेपी अध्यक्ष बनने  के साथ उन्होंने कहा कि 2014 में बीजेपी केंद्र में सत्ता में आयेगी और उन्होंने अध्यक्ष रहते नरेद्र मोदी को पीएम पद के लिए आगे करके चुनावी समर में जाने का फैसला किया था।  राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को जबरदस्त सफलता मिली। मोदी सरकार के पहले कैबिनेट में उन्हें गृह मंत्री बनाया गया। पांच साल तक इस पद पर बेहतरीन काम किया। 2019 में दोबारा मोदी सरकार सत्ता  में आयी लेकिन इस बार समीकरण कुछ बदला था। दरअसल  मोदी- शाह की जोड़ी ने सफलता की नयी कहानी लिख दी। प्रधानमंत्री मोदी के पास अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे दो दिग्गज नेता थे, लेकिन जब 'अटल-आडवाणी' की जोड़ी थी, उस वक्त भी राजनाथ सिंह का रसूख था और आज जब मोदी-शाह की जोड़ी केंद्र में है तो अभी भी उनका कद काफी बड़ा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रक्षा मंत्री बनाया। वे इस दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं ।
 
राजनाथ सिंह साफ सुथरी छवि के नेता हैं और उनकी पकड़ संघ और संगठन दोनों में है। बीजेपी में क्षेत्रीय स्तर पर भी उनकी खासी पकड़ है। नाप-तौल कर बोलने वाले राजनाथ सिंह हमेशा विवादों से दूर रहे और पार्टी लाइन के अंदर अनुशासित तरीके से काम करने में विश्वास रखते हैं। बतौर रक्षा मंत्री भी वे देश की सेना की जरूरतों  को समझते हैं। 
 
राजनाथ सिंह तीन बार विधायक रह चुके हैं। 1991 में  वे  यूपी के  शिक्षा मंत्री रहे । 1994 से 1999 के दौरान राज्यसभा सांसद  रहे। 1999 से 2000 में वे केंद्रीय कृषि मंत्री बनाये गये। 2000 से 2002 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे।  फिर 2003 से 2008 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में दोबारा चुने गये। इसके बाद वे 2009 से अभी तक लगातार सांसद हैं। वे मोदी सरकार के पहले पांच साल केंद्रीय गृह मंत्री रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे लखनऊ से जीते हैं।
 
राजनाथ सिंह  के लिये रक्षामंत्री का पद काफी अहम है। ऐसे में जब चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ रोज नयी साजिश रच रहे हैं, इतना तय है कि एलएसी और एलओसी पर भारत को मजबूती से  दुश्मनों का सामना करना होगा। इसके लिए सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने के साथ सैन्य उपकरण को बढ़ाना उनकी प्राथमिकता रही  है। इस मसले में राजनाथ सिंह राजनीति कौशल के साथ काम करने में सक्षम हैं । 
 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विकासवादी सोच रखने वाली शख्सियत हैं। वे सैनिकों के लिए आधुनिक रक्षा उपकरण के हिमायती हैं। उनके कुशल नेतृत्व में राफेल लड़ाकू विमान भारतीय जंगी बेड़ा में शामिल हुआ है।  वे तेजस में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री है। राजनाथ सिंह अपने कामों को बखूबी अंजाम तक पहुंचाने में विश्वास रखते हैं।