जरूरतमंदों की सेवा ही है सी रविशंकर के प्रशासनिक सेवा का मकसद
कुंभ के मद्देनजर मिली है बड़ी जिम्मेदारी
हरिद्वार के डीएम सी. रविशंकर देश के उन चुनिंदा आईएएस अधिकारियों में से हैं जिन्हें विकास और जरूरतमंदों की मदद दोनों का पर्याय माना जाता है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा व सेवा करने की भावनाओं की चर्चा प्रदेश के लोगों से लेकर प्रशासन और सरकार के शीर्ष तक में होती रहती है।
दरअसल सी. रविशंकर की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी सेवा भावना से ओत-प्रोत रही है। उनके पिता पी चेल्ला पांडियन सरकारी नौकरी में थे और एक ग्राम सेवक के तौर पर अपनी शुरुआत कर विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर पहुँचे थे। उनकी मां भी शिक्षिका थीं। पिता का सपना था कि बेटा सिविल सर्विस में जाये और देश की सेवा करें। सी. रविशंकर अपने परिवार में सबसे छोटे हैं। उनकी दो बड़ी बहनें हैं। सी. रविशंकर की पत्नी का नाम टी श्रीलेखा है, और उन्हें दो बेटे हैं ।
सी रविशंकर की शुरुआती पढ़ाई सैनिक स्कूल अमरावती नगर में हुई जहां उन्होंने अनुसाशित जीवन जीने का पाठ पढ़ा। इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीई किया।
बचपन से ही सी रविशंकर को समाजसेवा में रुचिथी। उनके पिता ने सिविल सर्विसेज के लिये प्रेरित किया और कहा कि अगर समाज के बड़े वर्ग की सेवा करनी है तो प्रशासन का अंग बनना जरूरी है। बड़ा होने पर सी. रविशंकर ने ब्यूरोक्रेसी को अपना एक मात्र लक्ष्य बनाया। उन्हें लगा कि ये उनकी मान्यता और आकांक्षा के बेहद करीब है। वर्ष 2009 में आईएएस में चयन के बाद उन्हें उत्तराखंड कैडर मिला।
सी. रविशंकर ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत एसडीएम रानीखेत से की। इसके बाद मुख्य विकास पदाधिकारी अल्मोड़ा और चमोली भी रहे। साल 2013 से 2017 के बीच राज्य में कई अहम पदों पर अपने दायित्व को ईमानदारी से बखूबी निभाया । इस दौरान अतिरिक्त सचिव- वित्त, योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन पीएसयू के पद पर भी रहे। इतना ही नहीं सी. रविशंकर ने उत्तराखंड में विदेश और विश्व बैंक की मदद से चल रही कई परियोजनाएं जैसे जल आपूर्ति परियोजना, आपदा प्रबंधन और पर्यटन, आपदा प्रबंधन की एडीबी परियोजनाओं में परियोजना प्रबंधक के कार्य को बड़ी जिम्मेदारी से निभाया और अपनी प्रशासनिक क्षमता को साबित किया। वे उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, देहरादून जैसे महत्वपूर्ण जिलों मे़ं डीएम रह चुके हैं।
2013 में केदारनाथ की प्राकृतिक आपदा के बाद पुनर्निर्माण परियोजनाओं को बड़ी कुशलता अंजाम तक पहुंचाया। पिथौरागढ़ जिलाधिकारी के पद पर रहते हुए पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के लिये लाइसेंस दिलाने में अपनी कार्यशैली की मिसाल पेश की। यह एयरपोर्ट चीन-नेपाल सीमा से बेहद करीब है और सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्त्वपूर्ण है।
हरिद्वार के डीएम के तौर पर सी. रविशंकर को एक संवेदनशील अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। वे लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये दिन-रात जुड़े रहते हैं। बतौर हरिद्वार डीएम उनके सामने फिलहाल दो चुनौतियां है। पहला कोरोना संकट, और दूसरा हरिद्वार में होने वाला आगामी कुंभ मेला। कोरोना संकट पर उन्होंने अपने सफल प्रशासनिक अनुभव से जीत दिलायू और हरिद्वार जिले को कई बार कोरोना मुक्त करने में सफलता पायी है। उन्होंने कार्यालय की स्वच्छता और समस्त अधिकारी और कर्मचारियों को अपने दायित्व का पूरी तरह ईमानदारी से निर्वहन करने पर विशेष ध्यान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने 2021 मे होने वाले कुंभ मेले को अपनी प्राथमिकता माना है और इसके तहत कार्य की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वर्तमान में सी. रविशंकर के लिए हरिद्वार कुंभ मेला 2021 का सफल आयोजन एक मिशन के तौर पर भी है।
सी. रविशंकर भारत-जापान द्विपक्षीय समझौतों में जापान की यात्रा पर गये भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रह चुके हैं। पीके मिश्रा की अध्यक्षता वाले हाई लेवल डेलीगेशन में सी. रविशंकर एक क्षेत्र स्तर के अधिकारी के रूप में ये प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। फेम इंडिया मैगजीन और सर्वे एजेंसी एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में हरिद्वार के जिलाधिकारी सी. रविशंकर "विकासशील श्रेणी" में प्रमुख स्थान पर है।