देश के साथ हमेशा खड़े रहने वाले उद्योगपति सज्जन जिंदल
सदैव देश के लिए खड़े रहने वाले सज्जन जिंदल कभी राष्ट्रहित से समझौता नहीं करते। देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार रहे ये कारोबारी जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनियां स्टील, माइनिंग, एनर्जी, बंदरगाह, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर बिजनेस में कारोबार करती हैं। ये इंडिया की सबसे बड़ी प्राइवेट स्टील कंपनी है। हाल ही में एलएसी पर चीन के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प के बाद उन्होंने चीन से आयात बंद करने के लिए उद्योगपतियों के बीच एकजुटता का आह्वान कर खासी प्रशंसा बटोरी थी।
5 दिसंबर 1959 को एक उद्योगपति परिवार में जन्मे सज्जन जिंदल के पिता ओम प्रकाश जिंदल ने छोटे स्तर से बिजनेस शुरू किया और बड़ा कारोबार खड़ा किया। सज्जन ने बेंगलुरू के एम. एस. रमैय्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉल्जी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया, फिर अपने पिता के मुंबई दफ्तर का कामकाज देखने लगे। बाद में उनके भाइयों के बीच कार्यों का बंटवारा हो गया। जिंदल परिवार का बिजनेस बहुत बड़ा है। अभी पूरा ग्रुप उनकी मां सावित्री जिंदल के नाम पर चलता है। सज्जन जिंदल ने अपनी मेहनत से विरासत में मिले बिजनेस को आगे बढ़ाया। 1983 में सज्जन जिंदल ने बिजनेस में कदम रखा और कारोबार को तेजी से आगे बढ़ाया । उन्होंने 1989 में जिंदल स्टील कंपनी यानी 'जिस्सको' और जिंदल विजयनगर स्टील लिमिडेट को प्रमोट किया। 2005 में दोनों कंपनियों को मिलाकर जेएसडब्ल्यू बनाया। इसके साथ उन्होंने बंदरगाह क्षेत्र में 2020 तक कुल 9,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य बनाया है जिसमें 2,000 करोड़ रुपए का निवेश पहले ही किया जा चुका है। सज्जन जिंदल की उद्योग के साथ-साथ राजनीति पर भी अच्छी पकड़ है। उनके छोटे भाई नवीन जिंदल कांग्रेस के सांसद हैं और मां सावित्री देवी भी हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। सज्जन का पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी अच्छे संबंध रहे हैं। सियासी गलियारे में ये भी चर्चा होती है कि काठमांडू में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ में मुलाकात के पीछे सज्जन जिंदल की अहम भूमिका रही है। कोरोना काल में भी उन्होंने अपने बिजनेस को सही तरीके से आगे बढ़ाया है।
कोरोना महामारी में लॉकडाउन की वजह से सज्जन जिंदल के बिजनेस पर भी बुरा असर पड़ा है। ऐसे में भी वे पारादीप में चार गोदियां बनाने के लिए 5000 करोड़ का निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं। 2020 तक दोगुनी और उसके बाद 2025 तक और बढ़ाकर 12.50 करोड़ टन सालाना तक पहुंचने के इरादे से आगे बढ़ रही है। कोरोना काल में सप्लाई चेन अचानक अस्त-व्यस्त है, इसलिए उन्होंने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण डिलीवरी देने की दिशा में सप्लाई चेन को सरल-सुगम बनाने, कार्यक्षमता सुधारने, उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया है। वे 2020-21 को लेकर आशावादी हैं। उन्हें भरोसा है कि सेकंड हाफ के बाद इकोनॉमी बहुत मजबूत वापसी करेगी। साथ ही उनका मानना है कि सरकारी नीतियां और वित्तीय पैकेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट को उभारने में अग्रणी भूमिका निभायेंगे।
बतौर उद्योगपति सज्जन जिंदल एक साहसिक इंसान हैं। वे हालात को लेकर चिंतित नहीं होते बल्कि बिजनेस लीडर के तौर पर प्रोएक्टिव एप्रोच रखते हैं। डिजिटाइजेश के मामले में भी उनका नजरिया औरों से बिल्कुल जुदा है वे लेवर फोर्स को कम करने के बजाया ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण सर्विस देने को प्रधानता मानते हैं। 14 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.06 लाख करोड़ रुपए वाली कंपनी जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल कोरोना काल में परिवार के साथ ज्यादा समय बिता रहे हैं और स्क्रीन टाइम को कम करके एक्सरसाइज और हेल्दी दिनचर्या को प्राथमिकता दे रहे हैं। जनवरी 2019 में उन्हें आउटस्टेंडिग बिजनेस लीडर अवार्ड-2018 और जेआरडी टाटा अवार्ड-2017 से भी सम्मानित किया जा चुका है। फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट सर्वे के 50 प्रभावशाली व्यक्ति 2020 की सूची में सज्जन जिंदल 35वें स्थान पर हैं।