जन-जन तक विकास पहुंचाना अनुभवी सांग फुन्सोक की है प्राथमिकता
तवांग के जिलाधिकारी फुन्सोक एक प्रतिभावान इंजीनियर रहने के साथ ही कानून में गोल्ड मेडल भी हासिल कर चुके हैं

अरुणाचल प्रदेश की दुर्गम पहाड़ियों से जीवन में आगे बढ़ने की शिक्षा लेकर खुद को तराशते हुए शिखर पर चढ़ने वाले सांग फुन्सोक उच्च मनोबल के बेहतरीन इंसान हैं। अपने गृह राज्य के पिछड़ेपन पर उन्होंने जिस दूरदर्शिता और समझदारी के साथ विजय हासिल की है वह एक मिसाल है। अरुणाचल प्रदेश के बेहद पिछड़े जिले तवांग को उन्होंने न सिर्फ एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना डाला है, बल्कि वहां सुख-सुविधाओं की झड़ी लगा दी है।
साांग फुन्सोक का जन्म अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बोमडिला गांव के सरकारी स्कूल पूरी की। वर्ष 1987 में सांग ने केरल यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, तिरुवनंतपुरम से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। वे यहीं नही रूके, उन्होंने साबित कर दिखाया कि वे एक असली ऑलराउंडर हैं। वे राजीव गांधी विश्वविद्यालय से एलएलबी में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे।
सांग फुन्सोक ने इंजिनियर के तौर पर हाइड्रो पावर डेवलपमेंट में उत्कृष्ट सेवा देकर अरुणाचल प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनायी | इंजीनियरिंग सर्विस में उनकी ईमानदारी और समर्पण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 2002 में सिल्वर और वर्ष 2006 में गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया।
सांग फुन्सोक को जुलाई 2016 में तवांग जिला का उपायुक्त -सह- डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनाया गया। साथ ही उन्हें डीआरडीए / एनआरएचएम के अध्यक्ष, जिला मिशन निदेशक (सर्व शिक्षा अभियान), जिला चुनाव अधिकारी और रिटर्निंग ऑफिसर के पदों की जिम्मेदारियां दी गयीं जिन्हें उन्होंने बखूबी निभाया। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रुप में उन्होंने आंतरिक सुरक्षा और कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में सेना सहित सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया है। उन्होंने तवांग में स्वच्छता अभियान और पेयजल की सुविधा को प्राथमिकता दी, जिसके कारण ड्रिकिंग वॉटर एडं सैनिटेशन मिनिस्ट्री ने वर्ष 2018 में तवांग की व्यवस्था को पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे बेहतर मान कर सम्मानित किया। सांग फुन्सोक ने राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के महत्वपूर्ण अभियान "सरकार आपके द्वार" से तवांग के सुदूर गांवों तक को जोड़ कर हर जरूरी सेवा मुहैया कराने में सफलता प्राप्त की। राज्य सरकार ने "सरकार आपके द्वार" की सफलता के लिए वर्ष 2019 में उन्हें गोल्ड मेडल दिया। उन्होंने आम लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ा और जिले में शांति व एकता के प्रतीक ‘मैत्री दिवस’ और ‘तवांग - फेस्टिवल’ का सफलता पूर्वक आयोजन कराया।
अरुणाचल में ठंड के मौसम में बिजली की समस्या एक गंभीर मसला रहती थी, सांग फुन्सोक ने अपने अनुभव से इसमें सुधार कर तवांग में 24X7 इलेक्ट्रिक सप्लाई सुनिश्चित करवायी। सांग फुन्सोक ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में सफलता पूर्वक निष्पक्ष चुनाव करवाया, जिससे उनके प्रशासनिक अनुभव की सराहना हुई है।
सांग फुन्सोक ने कोरोना संकट में जिले में जागरुकता को तरजीह देते हुए इस महामारी पर काबू पाने में सफलता पाई। प्रशासनिक तत्परता की वजह से कोरोना संक्रमण पर काबू पाना उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में तवांग के जिला उपायुक्त सांग फुन्सोक "अनुभवी" श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।