हर बार लोकप्रियता का रिकॉर्ड बनाते संजीव चौरसिया

हर बार लोकप्रियता का रिकॉर्ड बनाते संजीव चौरसिया

संजीव चौरसिया बिहार विधान सभा की सबसे बड़ी सीटों में से एक दीघा के विधायक हैं। वे चंद गिने चुने विधायकों में से हैं जिन्हें जनता ने पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक वोट दिये और अधिक वोटों के अंतर से जिताया है। 

संजीव चौरसिया का जन्म 5 अगस्त 1969 को बिहार की राजधानी पटना में एक समृद्ध राजनीतिक परिवार में हुआ। उनके दादा स्व. मुंदर शाह बिहार के नामी व्यवसायी थे और पिता गंगा प्रसाद चौरसिया जनसंघ के राजनेता थे। बाद में वे भाजपा के तेज-तर्रार विधायक बने व राजद शासन काल में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। वे फिलहाल सिक्किम के राज्यपाल हैं। संजीव की प्रारंभिक शिक्षा पटना के सेंट माइकल हाईस्कूल से हुई। आगे की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से हुई जहां उन्होंने एम कॉम तक की शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने झारखंड के रांची विश्वविद्यालय से  पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और रांची के एस एस मेमोरियल कॉलेज में अध्यापन का कार्य भी किया। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत बचपन से ही हो गयी थी जब वे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ गये थे। बाल स्वयंसेवक के रूप में उन्होंने काफी सक्रियता से संघ के कार्य किये। उन्होंने संघ में कई जिम्मेदारियां निभायीं। कॉलेज में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और शुरुआत में कॉलेज ईकाई के लिए कार्य किया। बाद में उन्हें एबीवीपी में प्रदेश सह मंत्री का दायित्व मिला और राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभायी।

डॉ. संजीव चौरसिया ने 1994 में बिहार में हुए छात्र आंदोलन की अगुवाई की और उन्हें छात्र—युवा संघर्ष समिति का बिहार संयोजक भी बनाया गया था। उन्हें नेहरू युवा केंद्र, बिहार की प्रोग्राम कमेटी में अध्यक्ष बनाया गया। वे रिपब्लिक50 कमेटी के आल इंडिया मेंबर भी रहे। उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में कई यादगार कार्य किये। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी में उन्हें प्रदेश महामंत्री का दायित्व मिला। वर्ष 2015  में डॉ. संजीव चौरसिया को राजधानी पटना के दीघा विधानसभा से भाजपा का टिकट मिला और उन्होंने ये सीट भारी मतों से जीती। उनके कार्यकाल में दीघा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की झड़ी लगी रही। शायद यही कारण रहा कि वर्ष 2020 में उन्हें जनता ने 97 हजार से भी अधिक वोट देकर निकटतम प्रतिद्वंदी के मुकाबले 46 हजार वोटों के अंतर से जिताया।

फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता , विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंड पर किये गये सर्वे में दीघा के विधायक संजीव चौरसिया को व्यवहार कुशल कैटगरी में प्रमुख स्थान पर पाया गया है ।

सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।