संगठन और जन-सरोकार से जुड़े डॉ. सतीश पूनियां

डॉ. सतीश पूनियां को राजस्थान के जुझारू, लो प्रोफाइल रहकर बड़े कार्य निपटाने वाले और ईमानदार राजनेताओं में गिना जाता है। वे आमेर से विधायक हैं और वर्तमान में राजस्थान से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं। भाजपा सदस्यता अभियान के प्रदेश संयोजक रहते हुए उन्होंने 50 लाख से भी ज्यादा नए सदस्य बना कर सबको चौंका दिया है।
डॉ. सतीश पूनियां का जन्म 20 दिसम्बर 1964 को चुरू, राजस्थान के छोटे से गांव राजगढ़ में हुआ। उन्होंने विज्ञान में स्नातक की डिग्री लेने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बैचलर इन लॉ की डिग्री भी ली है। इसके साथ ही उन्होंने श्रम विधि, अपराध शास्त्र, भारतीय इतिहास और संस्कृत में डिप्लोमा हासिल करने के साथ-साथ भूगोल में स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी की है। छात्र जीवन में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और विभिन्न पदों पर रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे डॉ. सतीश पूनियां वर्ष 1992 में भाजपा से जुड़े। वे भाजपा की युवा इकाई भाजयुमो के अध्यक्ष भी बने और पार्टी में कई पदों पर रहे। वे लगातार 14 साल तक चार बार भाजपा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं और प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले वरिष्ठ प्रवक्ता थे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वे आमेर सीट से लड़े और विधायक बनकर राजस्थान की विधानसभा में पहुंचे। उन्होंने अपने क्षेत्र की सभी समस्याओं को बारी-बारी से निपटाने की शुरुआत की है। वे इसके लिए क्षेत्र की जनता के साथ नियमित बैठक व चर्चा कर तुरंत अधिकारियों को आदेश जारी करते हैं। 14 सितम्बर 2019 को डॉ. पूनियां को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया और विजयादशमी के पावनपर्व पर उन्होंने शपथ ली। मात्र छह माह के कार्यकाल में उन्होंने देश के सबसे विशाल राज्य को अपने कदमों से नापकर कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित किया।
बतौर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां लगभग सभी जिलों और 140 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर चुके हैं। कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत मामले में बिना देर किये पहुंचकर अपने विधायकों से सहायता राशि दिलवायी। जैसलमेर में टिड्डी हमले के मामले में वहां जाकर नुकसान को देखा और केंद्र सरकार को अवगत करवाया।
कोविड काल में उन्होंने प्रदेश संगठन के कार्यकर्ताओं के लिए मिसाल बनकर घूम-घूम कर जरूरतमंदों की सहायता की। अपने क्षेत्र के लोगों के लिए सहयोग किचन की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक ने प्रदेश संगठन की प्रशंसा की। सितम्बर, 2020 में पूनियां खुद कोरोना पॉजिटिव हो गये। इसके बावजूद उन्होंने घर से संगठन के सभी कार्यों को किया। पुनः अक्टूबर 2020 के अंतिम सप्ताह में उनके अस्वस्थ होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया, वहां से भी उनका कार्य निरन्तर जारी रहा।
फेम इंडिया - एशिया पोस्ट "उम्दा विधायक सर्वे" में व्यक्तित्व, छवि, जनता से जुड़ाव, कार्यशैली, लोकप्रियता, विधानसभा में उपस्थिति और प्रश्न, बहस में हिस्सा, विधायक निधि का उपयोग व सामाजिक सहभागिता आदि 10 मुख्य मापदंडों पर किये गये सर्वे में डॉ. सतीश पूनियां असरदार कैटगरी में प्रमुख स्थान पर हैं।
सर्वे स्रोत - विभिन्न प्रश्नों पर विधानसभा क्षेत्रों की राय, विधायिका और मीडिया से जुड़े लोगों से स्टेक होल्ड सर्वे और विधानसभा से उपलब्ध डाटा के आधार पर।